Saturday, November 16, 2024
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रोहतक में सरकारी स्कूल की टूटी चारदीवारी, बड़े हादसे की इंतजार में प्रशासन

ग्रामीण अमित ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि शिक्षा विभाग दीवार बनाने से पहले किसी हादसे का इंतजार कर रहा है। स्कूल में छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। माता-पिता ने स्कूल अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा उठाया है।

रोहतक। रोहतक के डोभ गांव में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (जीएसएसएस) की चारदीवारी का एक हिस्सा कुछ महीने पहले ढह गया था। अभी तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली। स्कूल की हालत देख कर लगता है कि प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। वहीँ गिरी हुई दीवार का हिस्सा छात्रों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है क्योंकि दीवार के दूसरी तरफ एक तालाब है, जो मच्छरों और काई से भरा है। ऐसे में बच्चे आराम से पढ़ नहीं पाते और बीमार पड़ रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, स्कूल में लगभग 290 छात्र हैं और उनमें से 100 से अधिक टूटी दीवार क्षेत्र के पास स्थित प्राथमिक विंग में नामांकित हैं। एक शिक्षक रोटेशन पर निगरानी ड्यूटी पर रहता है, उसने जानकारी देते हुए कहा कि छात्र अवकाश के दौरान मैदान पर खेलते हैं। उनमें से कुछ मोर पंखों की तलाश में कक्षाओं से पहले और बाद में टूटी हुई दीवार के पास जाते हैं, इसलिए हमें अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता है।

ग्रामीण अमित ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि शिक्षा विभाग दीवार बनाने से पहले किसी हादसे का इंतजार कर रहा है। स्कूल में छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। माता-पिता ने स्कूल अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा उठाया है।

स्कूल प्रिंसिपल बिमला देवी ने कहा कि दीवार बनाने का प्रस्ताव पहले ही उच्च अधिकारियों को भेजा जा चुका है। हम किसी भी छात्र को टूटी दीवार के पास जाने की अनुमति नहीं देते हैं। उन्हें स्कूल भवन के अंदर खेलने के लिए कहा गया है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अवकाश के दौरान दोनों निकास द्वार बंद कर दिए जाते हैं।

सरपंच मुकेश देवी के पति प्रदीप सुहाग ने कहा कि चूंकि स्कूल अधिकारियों को दीवार का पुनर्निर्माण करना था, इसलिए उन्होंने शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों से इस मामले को देखने का अनुरोध किया था।

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