रोहतक। रोहतक में एक बार फिर नामी कंपनियों के नाम पर बनाया जा रहा नकली सामान बरामद हुआ है। सोमवार शाम को कृषि विभाग की टीम ने अचानक सुनारिया रोड स्थित कुंज विहार के एक घर पर छापामारी की। उस मकान में नकली कीटनाशक दवाइयां बनाने की फैक्टरी चल रही थी। जिसमें रेड के दौरान हिमाचल की बद्दी, पश्चिमी बंगाल की कोलकता, महाराष्ट्र की मुंबई व पूना, गुजरात की अंकलेश्वर व दिल्ली की नामी कंपनी के नाम की कीटनाशक दवाइयां मिली।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने यहां से नामी गिरामी कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों के 79 रेपर, एक डाटा फिडिंग मशीन, सल्फास पर सील लगाने वाली दो मशीन समेत कई और ऐसे उपकरण बरामद किए हैं, जो कीटनाशकों को पैक करने के काम में आते हैं। फैक्ट्री में पैकिंग में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री और उपकरण भी पाए गए। मौके पर कई मजदूर नकली बीज और कीटनाशक पैकिंग करते हुए मिले।
जांच दल ने फैक्ट्री से भारी मात्रा में नमक और मार्बल पाउडर भी जब्त किया। जिसका इस्तेमाल नकली कीटनाशक बनाने में होता था । इतना ही विभिन्न प्रकार के रसायन भी पकड़े गए हैं। इनमें विभाग ने तीन रसायनों के सैंपल भी लिए हैं। इन्हें मंगलवार को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। कृषि विभाग ने यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की है।
जानकारी के अनुसार खुफिया विभाग की पुख्ता सूचना पर कृषि विभाग की टीम ने कुंज विहार के एक मकान में चल रही अवैध फैक्टरी में कल शाम को छापामारी की जो रात 12 बजे तक चली। इस कार्रवाई के दौरान बद्दी, कोलकता, मुंबई, पूना, गुजरात के अंकलेश्वर व दिल्ली की नामी कंपनी के नाम की कीटनाशक दवाइयां मिली, जो बिना लाइसेंस के तैयार की जा रही थी।
कृषि विभाग के गुण नियंत्रण निरीक्षक राकेश कुमार की शिकायत पर फैक्टरी मालिक जितेंद्र मलिक व अन्य के खिलाफ शिवाजी कॉलोनी थाने में कीटनाशक नियम, 18 कीटनाशक अधिनियम व धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोपी जींद के जुलाना का रहने वाला बताया गया है। पुलिस इसकी जांच पड़ताल कर रही है।
पुलिस के मुताबिक गुण नियंत्रण निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि सूचना मिली कि सुनारिया रोड पर कुंज विहार में एक मकान में नकली कीटनाशक दवाइयां बनाने की फैक्टरी चल रही है। इसके बाद एक टीम तैयार की गई, जिसमें कृषि विभाग के उप निदेशक महाबीर सिंह, डीडीए डाॅक्टर संदीप मलिक, एसडीओ राकेश कुमार सहित पुलिस की टीम भी शामिल रही।
बताया जा रहा है कि यहां तैयार कीटनाशक रोहतक ही नहीं बल्कि प्रदेश के दूसरे जिलों में भेजे जाते थे। कृषि विभाग को तो यहां तक अंदेशा है कि कहीं राज्य से बाहर भी यहां बनाए कीटनाशक का कारोबार न होता हो। बाहर के क्षेत्रों में माल कहां तक जाता था, अभी इसकी जांच की जा रही है। इस बात की भी इंक्वायरी हो रही है कि नकली कीटनाशक बनाने के काम में एक ही फैक्ट्री लगी थी या और भी कंपनियां यहां हैं।
संयुक्त ने घर पर दबिश दी तो पता चला कि फैक्टरी जींद के जुलाना का युवक जितेंद्र बालंद गांव के एक व्यक्ति के मकान को किराये पर लेकर चला रहा है। मौके पर पुलिस को यूपी के कानपुर जिले के राजपुरा निवासी पिंटू व उसकी पत्नी चांदनी मिले। आरोप है कि मौके पर फैक्टरी का किसी तरह का लाइसेंस नहीं मिला।
अधिकारियों के बयान पर देर शाम तक शिवाजी कॉलोनी थाना में कंपनी मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था । अनाधिकृत रूप से कंपनियों के लेबल लगाने के लिए फैक्ट्री मालिक पर आईपीसी धाराओं 419, 420, 467, 468, 482, 483, 486, 471 और 270 के अलावा कॉपीराइट अधिनियम, कीटनाशक अधिनियम, ट्रेडमार्क अधिनियम की उपयुक्त धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
ध्यान रहे कि ग्लाइफोसेट, एसीफेट, डीट, प्रोपोक्सर, मेटलडिहाइड, बोरिक एसिड, डायजिनॉन, डर्बन, डीडीटी, मैलाथियान जैसे ऐसे रसायन हैं, जिनसे फसलों को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक तैयार होते हैं। उपरोक्त कीटनाशकों में से कुंज कॉलोनी में कौन-कौन से रसायन पकड़े गए हैं, इसकी सही- सही जानकारी तो लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही मिल जाएगी।
पुलिस व कृषि विभाग की टीम को जांच में बद्दी स्थित कीटनाशक बनाने वाली कंपनी का पांच लीटर, कोलकता स्थित कंपनी का 650 लीटर, गुजरात स्थित अंकलेश्वर कंपनी का 500 लीटर, दिल्ली के यादव नगर स्थित कंपनी का 1600 यूनिट, पूना स्थित कंपनी का 750 यूनिट, मुंबई स्थित कंपनी का 1500 यूनिट के अलावा एल्युमीनियम फोस्फाईड की 20 यूनिट व 100 बैग कच्चा माल, एक डेटा मशीन, दो सिलिंग मशीन व एक सल्फास लोक मशीन और नामी कंपनियों के 25 बैग खाली रैफर मिले हैं।
ध्यान रहे कि अभी खरीफ फसलों का सीजन डाल सकता है। बुआई का काम भी तेज होता है। ऐसे में नकली कीटनाशक की वजह से फसल ही तबाह हो सकती है। ऐसे में नकली कीटनाशक का प्रयोग किसानों को भारी नुकसान में डाल सकता है। कई बार ऐसा भी होता है कि नकली कीटनाशक की वजह से फसल ही तबाह हो जाती हैं।