रोहतक। रोहतक के लाखनमाजरा के हिमांशु हत्याकांड का राज करीब-करीब खुल गया है। जो तथ्य सामने आये हैं वह चौंकाने वाले हैं। बताया जा रहा है ऑनलाइन गेम में हुई हार की वजह से दोस्ती में दरार आ गई, जिसके चलते एक दोस्त ने दूसरे की गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार कर दो दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपी को भी नाबालिग बताया जा रहा है, लेकिन एसआईटी उसे बालिग मानकर पूछताछ कर रही है।
सोने के जेवरात भी घर से ले गया था आरोपी
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि हिमांशु और आरोपी लाखनमाजरा के ही रहने वाले हैं। दोनों न केवल पड़ोसी हैं, बल्कि अच्छे दोस्त भी रहे हैं। दोनों ऑनलाइन गेम खेलते थे, जिसमें टीम बनाकर सट्टा लगाया जाता है। इसके लिए एप डाउनलोड कर रखा था। कभी पैसा डबल हो जाता तो कभी हार जाते थे। आरोपी ने खुलासा किया है कि वे पैसे हार गए थे। कयास लगाए जा रहे हैं यह राशि दो से तीन लाख है। हार की राशि चुकाने के लिए वह घर से 17 जुलाई को सोने की अंगूठी आर जेवरात लेकर गया था। घर वाले बार-बार पूछ रहे थे जेवरात कहां गए। इसलिए उसने हिमांशु से कहा कि उसे जेवरात वापस चाहिए, लेकिन उसने कहा कि हार दोनों की हुई है। वह कहां से जेवरात लेकर आए।
लेनदेन का मामला मारपीट में बदला
3 अगस्त को बातचीत करते हुए दोनों जींद की तरफ नहर की पटरी पर पहुंचे। वहां से पटरी के पास ऐसी जगह पहुंच गए, जहां जींद के हथवाला, सोनीपत के धनाना व रोहतक के लाखनमाजरा की सीमा लगती है। लेनदेन का मामला बातचीत से आगे मारपीट में बदल गया। हिमांशु ने उसे धक्का दे दिया। साथ ही बाइक पर बैठ गया। उसने पीछे से बाइक पर बंधी लोहे की जंजीर निकाली और पीछे से गले में डालकर खींच दी। इसके बाद हिमांशु के शव को वहीं फेंककर आ गया।
दोनों सहयोगी बनकर खेलते थे गेम
पुलिस का कहना है कि आरोपी पर हिमांशु के परिजन बार-बार शक जता रहे थे। उससे लाखनमाजरा पुलिस के अलावा सीआईए की टीम ने भी पूछताछ की, लेकिन आरोपी नहीं टूटा। इसी बीच पुलिस ने आरोपी के गेम का रिकाॅर्ड निकाला। उस गेम में दोनों सहयोगी बनकर खेलते थे। इसके बाद पुख्ता सबूत आरोपी के सामने रखे तो वह टूट गया। उसने खुलासा किया कि उसी ने हिमांशु की हत्या की है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जब पुलिस का दबाव बढ़ता जा रहा तो उसने गुमराह करने के लिए इंस्टाग्राम पर 22 लाख की फिरौती का मैसेज डाला, लेकिन उसकी चाल कामयाब नहीं हो सकी।
पुलिस गंभीरता दिखाती तो न जाती जान
लाखन माजरा निवासी हिमांशु की हत्या के बाद से पीड़ित परिजनों में लाखन माजरा पुलिस के प्रति आक्रोश है। परिजनों का कहना है कि हिमांशु के लापता होने की सूचना पुलिस को दी गई थी। इसके बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण उसकी हत्या कर दी गई। यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो उसकी जान बच सकती थी। हिमांशु के पिता हरदीप का कहना है कि उनका बेटा किसी तरह का सट्टा नहीं खेलता था। न ही किसी से पैसों के बंटवारे को लेकर कोई रंजिश थी। फिरौती वसूलने के उद्देश्य से अपहरण करने के बाद हत्या की गई है। पीड़ित परिजनों के आक्रोश को लेकर पुलिस अफसरों ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। जहां इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है।
लाखनमाजरा के सभी आईओ रहेंगे मामले से दूर
डीएसपी महम संदीप कुमार ने बताया कि हिमांशु की मौत की गुत्थी सुलझाने की जिम्मेदारी एसआईटी के साथ महम थाना पुलिस और साइबर क्राइम की टीम के कंधों पर है। जांच में जुटी पुलिस जहां हिरासत में लिए गए आरोपी से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने कोर्ट में पेश कर आरोपी को दो दिन की रिमांड पर लिया है। इस पूरे मामले की जांच से लाखनमाजरा के सभी आईओ को दूर रखा गया है। एसआईटी टीम के साथ जांच की जिम्मेदारी साइबर क्राइम प्रभारी कुलदीप सिंह, एसएचओ महम राकेश कुमार और चौकी प्रभारी महम सिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पूरे मामले का जल्द से जल्द खुलासा होने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
पिता ने दी थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
पुलिस के मुताबिक लाखनमाजरा निवासी हरदीप ने शिकायत दी थी कि उसका साढ़े 17 साल बेटा हिमांशु 3 अगस्त को करीब साढ़े पांच बजे घर से गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली, लेकिन उसे तलाश नहीं कर सकी। नहर के पास एक नर कंकाल मिला, जिसे हिमांशु का माना जा रहा है। पुलिस ने हड्डियों को डीएनए जांच के लिए लैब भेजा हुआ है।