पवन कुमार बंसल : बाबरी मस्जिद गिराने के बाद – तत्कालीन डी जी पी कल्याण रुदा द्वारा गुरुग्राम के डी आई जी और एस पी को सूचित किये जाने के बाद भी दंगा नहीं रुका। भजन लाल के दो मंत्रियों की भूमिका संदेहजनक थी। लेकिन राजनीतिक मजबूरी के चलते भजन लाल ने उन्हें और पुलिस को क्लीन चिट दे दी केवल दो जूनियर अफसरों को ससपेंड करके।
आज जब में हरियाणा पुलिस पर अपनी किताब बारे अपने पचास साल पुराने रिकॉर्ड को खंगाल रहा था ,मुझे चडीगढ़ से प्रकाशित जनसत्ता अख़बार में मेरी रोहतक से छपी एक खबर मिली जिसमे सारा किस्सा दर्ज था। उन दिनों में रोहतक में नियुक्त था। में अपने एक मित्र के यहाँ रात्रिभोज पर था जहा कल्याण रुदा भी मौजूद थे। वे कुछ परेशान दिखाई दे रहे थे क्योंकि बाबरी मस्जिद गिरा दी गयी थी।
चुकी कल्याण रुदा इंटेलिजेंस ब्यूरो में रहे है सो उन्हें आशंका थी की इसका मेवात जहा काफी तादाद में मुस्लिम है तीखा असर हो सकता है सो उन्होंने गुरुग्राम के डी आई जी और एस पी को सूचित किया लेकिन चूंकि पुलिस कम थी और अतिरिक्त फाॅर्स आने में काफी टाइम लगा इसलिए हालत बेकाबू हो गयी।
उन दिनों न तो टी वी का इतना प्रसार था और नहीं आज की तरह यू टूबर थे सो लोगो को अगले दिन अख़बार पढ़ कर पता लगा। देखते -देखते हज़ारो लोग नूह में इकठे हो गए और एक मंदिर को जला दिया तथा कुछ लोगो की प्रॉपर्टी भी जला दी। तब नूह में डी एस पी केवल बीस जवानो के साथ गश्त पर थे सो हालत बेकाबू हो गए।
भजन लाल ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई और नूह इलाके के अपने दो मंत्रियों को वहा सांप्रदायिक सध्भाव बनाने के लिए
भेजा लेकिन उनकी भूमिक ठीक नहीं थी और पुलिस लाचार हो गयी। मज़बूरी में भजन लाल ने पुलिस और अपने मंत्रियों को क्लीन चिट दे दी और कुछ जूनियर पुलिस अफसरों पर नजला डाल दिया।
तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रामबिलास शर्मा ने भजन लाल को फ़ोन कर कहा की उनके मंत्री ही दंगे करवा रहे है।
भजन लाल ने कल्याण रुदा को सख्त कदम उठाने को कहा। फिर वहा सेना आई और फ्लैग मार्च किया।
भाजपा ने तत्कालीन गवर्नर धनिक लाल मंडल को ज्ञापन दे आरोप लगाया की मंत्री दंगे करवा रहे थे और न्यायिक जांच के मांग की। भजन लाल ने जांच के लिए रामविलास शर्मा की अध्यक्षता में एक तीन मेंबर की कमेटी बना दी और कुछ समय बाद मामला शांत हो गया।