Saturday, October 19, 2024
Homeहरियाणारोहतकरोहतक के सरकारी स्कूल में ग्रामीणों ने जड़ा ताला, हाइवे पर कक्षाएं...

रोहतक के सरकारी स्कूल में ग्रामीणों ने जड़ा ताला, हाइवे पर कक्षाएं लगाने की दी धमकी

रोहतक में गांव घिलौड़ के राजकीय स्कूल में ग्रामीणों ने जड़ा ताला, बोले- जर्जर हालत में विद्यालय, छात्रों की जान जोखिम में रहती है, 2018 में कंडम घोषित बिल्डिंग अभी तक नहीं बनी

रोहतक। रोहतक के घिलौड़ कलां गांव में शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल की हालत काफी खराब है और पांच साल पहले स्कूल की बिल्डिंग कंडम घोषित किया गया था किन्तु अब तक सरकार ने कोई सुध नहीं ली और स्कूल के लिए कोई नई बिल्डिंग नहीं बनाई। ऐसे में वे अपने बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते। एक सप्ताह में प्रशासन ने कोई समाधान नहीं निकाला तो वे हाइवे पर कक्षाएं लगाएंगे।

गांव के सरपंच अनिल देशवाल ने बताया कि उनके गांव में 12वीं तक का स्कूल है, जो 1948 में बनी बिल्डिंग में चलता है। 2018 में पीडब्ल्यूडी ने स्कूल की बिल्डिंग को कंडम घोषित कर दिया था। पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाने का एस्टीमेट तैयार हो चुका है, जिसकी फाइल डीईओ कार्यालय से गायब है। अब बारिश में स्कूल के अंदर व बाहर पानी भरा हुआ है।

बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है, ऐसे में ग्रामीण अपने बच्चों की जान जोखिम में नहीं डालना चाहते। इसलिए मजबूरी में दूसरी जगह ग्रामीण बच्चों के दाखिल करवा रहे हैं, लेकिन गरीब परिवार ऐसा करने में असमर्थ हैं। पंचायत ने निर्णय लिया है कि एक सप्ताह तक स्कूल पर ताला जड़ा रहेगा। इसके बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ तो वे हाइवे पर छात्रों की कक्षाएं लगाएंगे, किसी तरह की अनहोनी की जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी।

ग्रामीणें का कहना है कि विद्यार्थियों को जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि स्कूल के खस्ताहाल कमरों में बैठकर पढ़ा भी नहीं जा सकता। कमरों के गिरने के डर से विद्यार्थी पेड़ों या बरामदों में बैठकर पढ़ाई करते हैं। स्कूल में 160 से अधिक बच्चों ने दाखिला लिया हुआ है, लेकिन भवन के कारण विद्यार्थियों को गर्मी में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती।

गांव घिलौड़ कलां में पहुंची पुलिस ग्रामीणों को समझाते हुए

सरपंच का कहना है कि स्कूल में ज्यादातर बिल्डिंग कंडम है। दो कमरे थोड़े ठीक हैं, उनमें पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं एक साथ लगाई जा रही हैं। छठी से 12वीं तक की कक्षाएं खुले में लगती हैं। बारिश के मौसम में छुट्टी कर दी जाती है। ऐसे में स्कूल में मात्र 114 छात्र रह गए हैं। ग्रामीण निजी स्कूलों में बच्चों को मजबूरी के कारण पढ़ाने पर मजबूर हैं।

बता दें कि इससे पहले गांव घिलौड़ कलां की बड़ी चौपाल में सरपंच की अध्यक्षता में पंचायत भी हुई थी, जिसमें स्कूल की खराब बिल्डिंग, सफाई कर्मचारी की तनख्वाह व रात के चौकीदार की 7 महीने की तनख्वाह नहीं देने का मुद्दा रखा गया। पंचायत में गांव वालों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया था कि सरकारी स्कूल पर ताला लगाया जाएगा।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular