Wednesday, January 15, 2025
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देश के बैंकों में कैश की किल्लत, डिपॉजिट बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि

देश के बैंकों में कैश की किल्लत एक बार फिर बढ़ गई है। दिसंबर 2024 के दूसरे पखवाड़े में, बैंकिंग सिस्टम में नकदी की कमी 1.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इस समस्या से निपटने के लिए बैंकों ने अपने डिपॉजिट बढ़ाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसके परिणामस्वरूप डिपॉजिट पर ब्याज दरें 7.50% तक बढ़ गई हैं।

कई बैंकों ने अधिक ब्याज वाली नई एफडी स्कीम्स लॉन्च की हैं और कुछ बैंकों ने इन स्कीम्स की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। उदाहरण के तौर पर, आईडीबीआई बैंक सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजंस को 0.65% ज्यादा ब्याज दे रहा है, जिससे सुपर सीनियर सिटीजंस के लिए ब्याज दर 8.05% तक हो गई है।

दिसंबर के पहले सप्ताह में बैंकों का कैश सरप्लस 1 लाख करोड़ रुपए था, लेकिन बाद में टैक्स चुकाने के लिए नकदी निकासी और विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण यह घट गया। बैंकों ने रिजर्व बैंक से लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय करने की अपील की थी, जिसके बाद आरबीआई ने डॉलर-रूपी स्वैप का इस्तेमाल किया और बैंकों को करीब 25,970 करोड़ रुपए का कैश दिया।

हालांकि, यह राशि पर्याप्त नहीं है और बैंकों को लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए की और नकदी की जरूरत है। 27 दिसंबर 2024 तक बैंकों का डिपॉजिट 9.8% की दर से बढ़ा, जबकि कर्ज बांटने की रफ्तार 11.16% रही। बैंकों के कुल डिपॉजिट में 220.6 लाख करोड़ और कर्ज 177.43 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जिसका मतलब है कि बैंकों ने हर 100 रुपए के डिपॉजिट पर 80 रुपए का लोन बांट दिया है।

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