2019 में भारत में 5 करोड़ से ज्यादा टीनेजर्स मानसिक समस्याओं से जूझ रहे थे, जिनमें अधिकांश एंग्जाइटी और डिप्रेशन का सामना कर रहे थे। कोरोना महामारी के बाद यह समस्या और भी बढ़ गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 30 करोड़ से ज्यादा लोग एंग्जाइटी और 28 करोड़ लोग डिप्रेशन से प्रभावित हैं। यह समस्या खासतौर पर किशोरों और युवाओं में अधिक देखने को मिल रही है।
इस समस्या को पहचानने के लिए, अगर किसी के व्यवहार में बदलाव दिखे, जैसे कि उदासी, अनिद्रा, कम खाने या ज्यादा खाने की आदत, तो यह एंग्जाइटी या डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए सही आहार, जैसे कम फास्ट फूड और शुगरी ड्रिंक्स का सेवन और सोशल मीडिया से सीमित समय तक संपर्क रखना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, एक सकारात्मक माहौल और सही मार्गदर्शन से इस समस्या से बचा जा सकता है।