Sunday, January 12, 2025
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पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना : पशुपालकों को पशुओं के रखरखाव के सरकार दे रही आर्थिक मदद, जानें- प्रोसेस

Pashu Kisan Credit Card Yojana : मुख्यमंत्री नायब सिंह के कुशल नेतृत्व में पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड (पीकेसीसी) के तहत पशुपालकों को आर्थिक संबल मिल रहा है। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से पशुपालकों को उनके पशुओं के रखरखाव, चारा और देखभाल के लिए आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत भैंस, गाय, भेड़, बकरी, सूअर और मुर्गी जैसे पशुओं के पालन-पोषण के लिए तीन लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध है।

यह हैं योजना की मुख्य विशेषताएं:

बिना गारंटी ऋण :  पशुपालक 1.60 लाख रुपए तक का ऋण बिना किसी गारंटी के प्राप्त कर सकते हैं। पशुपालक को 1.60 लाख रुपए से अधिक ऋण के लिए संपत्ति या अन्य जमानत देनी होगी।

ब्याज दर और अनुदान : पशुपालक को 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। समय पर ऋण चुकाने पर 3 प्रतिशत ब्याज का अनुदान दिया जाता है, जिससे वास्तविक ब्याज दर 4 प्रतिशत सालाना रह जाएगी। अधिकतम 3 लाख रुपए तक के ऋण पर ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है।

लचीली पुनर्भुगतान योजना:  एक वर्ष के भीतर ऋण की पूरी राशि जमा करना अनिवार्य है। ऋण का पुनर्भुगतान न करने पर 12 प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी।

प्रत्येक पशु के लिए निर्धारित ऋण सीमा : 8 लीटर दूध उत्पादन वाली गाय पर₹31 हजार 406 रुपए प्रति वर्ष, 8 लीटर से अधिक उत्पादन वाली गाय पर 37 हजार 155 रुपए प्रति वर्ष, भैंस पर 63 हजार 869 रुपए प्रति वर्ष, भेड़ 20+1 यूनिट पर 4 हजार 719 रुपए प्रति भेड़ कुल 99 हजार 99 रुपए, बकरी 20+1 यूनिट पर₹4 हजार 350 रुपए प्रति बकरी कुल 91 हजार 350 रुपए, सूअर 4+1 यूनिट पर₹16 हजार 337 प्रति सूअर कुल₹81 हजार 685 रुपए, 72 सप्ताह का चक्र के हिसाब से मुर्गी पर₹720 प्रति मुर्गी, 3 महीने का चक्र के हिसाब से ब्रायलर मुर्गा₹पर 161 प्रति ब्रायलर दिए जाते हैं।

पशुपालक इस प्रकार कर सकते हैं आवेदन

इसके लिए इच्छुक पशुपालक अपने नजदीकी राजकीय पशु चिकित्सालय या बैंक में जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र पशु चिकित्सालय से प्राप्त किया जा सकता है और पशु चिकित्सक की सहायता से इसे भरकर बैंक में जमा किया जा सकता है।

आवेदन के साथ बैंक में यह दस्तावेज करने होंगे जमा

पशुपालक को बैंक में आवेदन के साथ अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, परिवार पहचान पत्र (फैमिली आईडी), बैंक द्वारा ऋण की स्वीकृति उपरांत पशुओं का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी जमा करवाना अनिवार्य है।

इस उद्देश्य से क्रियान्वित की जा रही है योजना

पलवल के उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को पशुपालन से अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। आत्मनिर्भर भारत के तहत इसे लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों की श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे पशुपालन व्यवसाय को और बढ़ावा मिल सके। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि पशुपालन के क्षेत्र में आर्थिक मजबूती के लिए यह योजना एक बड़ा कदम है।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डा. वीरेंद्र सहरावत ने जानकारी देते हुए बताया कि जब पशु के उत्पादन में कमी आ जाती है या उत्पादन नहीं होता तब पशुपालक को पशुओं से होने वाली आय कम हो जाती है। परंतु पशुओं के रखरखाव में खर्च नियमित रूप से होता रहता है। उस नियमित खर्च से निजात पाने के लिए पशुपालकों के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बहुत कारगर साबित हुआ है। उन्होंने सभी पशुपालकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का भरपूर फायदा उठाने का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए पशुपालक अपने निकटतम पशु चिकित्सालय या बैंक से संपर्क कर सकते हैं।

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