Brother Sister Talent : कल्पना कीजिए कि कोई आंखों पर पट्टी बांधकर किताब पढ़ सके। यह असंभव सा लगता है, लेकिन पाली के भाई-बहन ने इसे सच कर दिखाया। बांगड़ हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक सेमिनार के दौरान, इन दोनों ने न केवल किताब पढ़ी, बल्कि बिना देखे वस्तुओं और रंगों की भी पहचान कर ली।
डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ भी हुए प्रभावित
इस अद्भुत प्रदर्शन के दौरान मौजूद डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं सके। यह प्रदर्शन पाली के हाउसिंग बोर्ड इलाके के रहने वाले सूर्य प्रताप जेतावत और यशस्वी सेनिमान ने किया। दोनों 10वीं के छात्र हैं और अपनी इस विशेष क्षमता का श्रेय मेडिटेशन को देते हैं।
मेडिटेशन ने बनाया मस्तिष्क को अधिक सक्रिय
भाई-बहन ने बताया कि उन्होंने जोधपुर के केरू स्थित हार्टफुलनेस संस्था के 9-दिन के कैंप में हिस्सा लिया था। वहां उन्होंने मेडिटेशन और अन्य मानसिक अभ्यास सीखे, जिससे उनका ध्यान केंद्रित हुआ और दिमाग अधिक सक्रिय हो गया।
सूर्य प्रताप ने कहा, “मेडिटेशन से हमारी मानसिक क्षमता में वृद्धि हुई है। अब हम जल्दी उठते हैं और स्कूल जाने से पहले तथा रात को सोने से पहले नियमित रूप से मेडिटेशन करते हैं।”
यशस्वी ने भी यही बात दोहराई, “मेडिटेशन ने पढ़ाई में हमारा फोकस बढ़ाया है। यह माइंडफुलनेस तकनीक हमें शांत और सकारात्मक बनाए रखती है।”
मेंटल डिटॉक्स के लिए है फायदेमंद
दोनों भाई-बहन ने इस बात पर जोर दिया कि मेडिटेशन तनाव कम करने और मानसिक डिटॉक्स के लिए बेहद फायदेमंद है। यह नकारात्मक भावनाओं को बाहर निकालने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
उन्होंने बताया, “नियमित मेडिटेशन से हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। यह तकनीक दिमाग को शांत रखती है और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।”
मेडिटेशन क्यों है जरूरी?
1. तनाव कम करता है: मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
2. ध्यान बढ़ाता है: पढ़ाई और काम में बेहतर फोकस के लिए मददगार।
3. सकारात्मकता लाता है: नकारात्मक विचारों को दूर करता है।
4. मेंटल डिटॉक्स: दिमाग को हल्का और स्वस्थ बनाए रखता है।