बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए नीतीश सरकार एक सुनहरा अवसर लेकर आई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब एक्टिंग का भी कोर्स होगा। इसके लिए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे।
स्कूल स्तर पर यदि छात्र ड्रामा, आर्ट्स में बेहतर प्रदर्शन करेंगे तो सरकार की तरफ से उनको प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें हिंदी, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू सहित अन्य भाषाओं में बनने वाली फिल्मों में काम दिलाने में सहयोग किया जाएगा।
स्कूलों में एक्टिंग कोर्स शुरू करने का ये है मकसद
दरअसल, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब तक केवल पढ़ाई होती थी। इसकी वजह से स्कूल में नाम लिखवाने के बाद भी छात्र स्कूल नहीं आते थे। वहीं, कई छात्रों को संगीत, डांस में रुचि थी, लेकिन कोई प्लेटफॉर्म नहीं मिलने की वजह से उनकी ये कला सामने नहीं आती थी और वो स्कल जाने से कतराते थे।
इसको देखते हुए स्कूलों में सिंगिंग, डांस, पेटिंग, एक्टिंग सहित अन्य कला के लिए एक दिन निश्चित किया गया है। जिससे छात्रों की स्कूलों में उपस्थिति बढ़ने के साथ-साथ पढ़ाई में भी रुचि बढ़ेगी।
छात्रों को दी जाएगी ट्रेनिंग
वहीं, इस बारे में जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि बिहार के स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही नृत्य, संगीत और नाट्य कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसमें जो छात्र अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा, साथ ही उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी।
आपको बता दें कि नालंदा जिले के राजगीर में विश्व स्तरीय फिल्म सिटी निर्माण को लेकर नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार से 200 करोड़ रुपये की मांग की है। सरकार का मानना है कि फिल्म सिटी बनने से प्रदेश में मनोरंजन और फिल्म उध्योग को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में कलाकारों के लिए रोजगार के नए रस्ते खुलेंगे तो वहीं, राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।