केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने 19 दिसंबर को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के 21वें स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग का आकार वर्तमान में लगभग 14 बिलियन डॉलर है, और 2030 तक इसके 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत एशिया में जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद चिकित्सा उपकरणों का चौथा सबसे बड़ा बाजार है और दुनिया के शीर्ष 20 चिकित्सा उपकरण बाजारों में से एक है।
मंत्री ने “भारत की मेडटेक क्रांति की रूपरेखा: 2047 तक मेडटेक विस्तार रोडमैप” पर चर्चा करते हुए कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को देश की बढ़ती स्वास्थ्य आवश्यकताओं, तकनीकी नवाचारों, सरकारी समर्थन और उभरते बाजार अवसरों से प्रेरित होकर विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मेडटेक उद्योग न केवल स्वास्थ्य सेवा का हिस्सा है, बल्कि यह एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है जो विभिन्न स्वास्थ्य सेवा कर्ताओं को एक मजबूत और न्यायसंगत प्रणाली बनाने में मदद करता है।
मंत्री ने सरकार की नीतियों और योजनाओं का भी उल्लेख किया, जिनमें 100% एफडीआई की अनुमति और राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 की मंजूरी शामिल है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्कों के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इन पहलों का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, नवाचार को बढ़ावा देना और वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करना है।