सऊदी अरब को फीफा वर्ल्ड कप 2034 की मेज़बानी सौंपे जाने की खबर ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि सऊदी अरब आने वाले वर्षों में कई बड़े बदलावों का गवाह बनेगा, और अब इस मेगा इवेंट के लिए तैयारियां ज़ोरों पर हैं। यह आयोजन न केवल सऊदी के खेल उद्योग को बढ़ावा देगा, बल्कि लाखों प्रवासी कामगारों के लिए भी रोजगार के नए अवसरों के द्वार खोलेगा। खासकर भारतीय कामगारों के लिए यह एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है।
बुनियादी ढांचे का होगा भारी विस्तार फीफा 2034 की मेज़बानी के लिए सऊदी अरब में बुनियादी ढांचे का बड़े पैमाने पर विकास किया जाएगा। इसमें नए स्टेडियम, आलीशान होटल, विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल और अत्याधुनिक शॉपिंग मॉल जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में कुशल और अकुशल कामगारों की ज़रूरत पड़ेगी। इसके अलावा, सऊदी अरब के प्रमुख शहरों में परिवहन नेटवर्क और पर्यटक स्थलों के निर्माण पर भी भारी निवेश किया जाएगा।
भारतीय कामगारों के लिए सुनहरा मौका
सऊदी अरब में फीफा 2034 के आयोजन से भारतीय कामगारों के लिए रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, होटल प्रबंधन और सेवा क्षेत्रों में लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी। खासतौर पर जिन भारतीयों के पास तकनीकी कौशल और निर्माण क्षेत्र का अनुभव है, उनके लिए यह अवसर बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। इसके साथ ही होटल, रेस्तरां, पर्यटन और परिवहन जैसे उद्योगों में भी विदेशी कामगारों की भारी मांग होगी।
सऊदी अरब के आर्थिक विकास को नई दिशा फीफा 2034 की मेज़बानी से सऊदी अरब को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिलेगी। यह आयोजन देश के आर्थिक और पर्यटन क्षेत्र को तेज़ी से आगे बढ़ाएगा। विदेशी निवेश में बढ़ोतरी के साथ-साथ स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यवसाय के नए अवसर उत्पन्न होंगे। इसके परिणामस्वरूप सऊदी अरब में रोजगार के और अधिक अवसर पैदा होंगे।
सऊदी अरब में भारतीयों की मौजूदा स्थिति
वर्तमान में सऊदी अरब में करीब 20.6 लाख भारतीय काम कर रहे हैं। ये लोग विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं और सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देते हैं। फीफा 2034 का आयोजन भारतीयों के लिए एक सुनहरे अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जिससे उन्हें बड़े पैमाने पर लाभ मिल सकता है।