Thursday, December 12, 2024
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कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल ने जीओ गीता म्यूजियम का किया अवलोकन, बोले-गीता भारतीय दर्शन की जीवन पद्धति है

कुरुक्षेत्र : बिजली, आवास और शहरी मामले कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता में कहा गया है कि कर्म करो लेकिन इसमें लिप्त नहीं होना चाहिए। गीता भारतीय दर्शन की जीवन पद्धति है। भगवान कृष्ण का जीवन चिन्तन है। गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है। गीता हमें मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है। जो अनुकूलता है, वहीं सुख है और जो अनुकूल न आए वह दुख है। गीता भारतीय परपंराओं का अदभूत ग्रंथ है। पवित्र ग्रंथ गीता किसी एक धर्म की नहीं बल्कि समस्त मानव जाति को जीने की कला सिखाती है।

केंद्रीय मंत्री  मनोहर लाल बुधवार को गीता ज्ञान संस्थानम में जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे। इससे पहले बिजली, आवास और शहरी मामले केबिनेट मंत्री मनोहर लाल ने गीता ज्ञान संस्थानम के जीओ गीता म्यूजियम व कृष्ण कृपा अमृत कुंड का अवलोकन किया और कृपा बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के उपरांत गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज का आशीर्वाद लिया। केबिनेट मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस ग्रंथ को घर-घर में पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि जीवन की सभी समस्याओं का समाधान गीता में है। गीता मनीषी देश का गौरव है और इनका आर्शीवाद हमेशा हमारे साथ रहा है। गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने और इस ग्रंथ को विश्व स्तर पर पहचान करवाने का श्रेय भी गीता मनीषी को ही जाता है।

उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ पूरी दुनिया को अध्यात्म और दार्शनिक तरीके से देखना-समझना सिखाता है, जिंदगी को जीना सिखाता है। हम अपने जीवन और उसके उदेश्यों को लेकर कई तरह के प्रश्नों से जूझते रहते है, लेकिन यह पवित्र ग्रंथ हमें हर प्रश्नों का जवाब बहुत अच्छे तरीके से देता है। यह ज्ञान हर मनुष्य के लिए जरुरी है। पवित्र ग्रंथ गीता में कहा गया है कि चिंता चिता के सम्मान है। इस ग्रंथ में कहे गए एक-एक श्लोक में मानवता के लिए कुछ ना कुछ है। इसलिए अपने जीवन को सफल बनाने और सही मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों को धारण करना चाहिए। इस ग्रंथ के प्रत्येक श्लोक को स्मरण करने से मन को अध्यात्मिक शांति का अनुभव होता।

इस मौके पर पूर्व मंत्री कंवरपाल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, संस्थानम के प्रधान मंगत राम जिन्दल, विजय नरूला, डा. ऋषिपाल मथाना, अशोक रोशा, रामपाल शर्मा, संस्थानम के मीडिया प्रभारी रामपाल शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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