Haryana News : हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने विभाग की योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने तथा राज्य में 7.75 प्रतिशत वृक्ष आवरण क्षेत्र को 10 प्रतिशत तक करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके लिए हरित गुरुग्राम – हरित अभियान चलाया जाए। वन मंत्री यहां वन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विभाग में सुधार व पारदर्शिता धरातल पर नजर आये, यह उनका विज़न है। विभाग में फारेस्ट गार्ड का पद एक अति महत्वपूर्ण पद है जिससे विभाग की शुरुआत होती है। उन्होंने वर्तमान में लगभग 1 हजार फारेस्ट गार्ड के पद खाली है, उनको भरने के लिए शीघ्र ही मांग पत्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए।
किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त निर्देश जारी करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को अपना रवैया बदलने तथा पारदर्शी तरीके से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सख्त निर्देश जारी करते हुए सभी डीएफओ तथा अन्य अधिकारियों को लंबित फाइलों को 15 दिन के भीतर निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे फील्ड में जाएं, अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को समझें तथा उनका समयबद्ध तरीके से समाधान करें।
गुरुग्राम के निकट सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के जीर्णोद्धार एवं उन्नयन की आवश्यकता पर बल देते हुए मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को पार्क में नई सुविधाएं शुरू करने के लिए विस्तृत योजना बनाने को कहा ताकि पर्यटकों की संख्या बढ़ सके। उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के उन्नयन एवं रख-रखाव के लिए विभाग स्तर पर जिम्मेदारी तय करने की आवश्यकता है। मंत्री ने अधिकारियों को राज्य में नर्सरियों के रख-रखाव एवं उन्नयन पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि पेड़ों की कटाई एवं अन्य कार्यों के लिए अनुमति एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने में किसी भी क्षेत्र के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। श्री राव नरबीर सिंह ने विभाग के अधिकारियों को पहाड़ों में ऐसे स्थलों की पहचान करने को कहा जहां वर्षा जल को रोकने एवं बेहतर उपयोग के लिए इसे संग्रहित करने के लिए तटबंध बनाए जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए ताकि आम लोग छुट्टियां मनाने एवं पर्यटन के लिए हरियाणा को चुनें।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को राज्य में वन महोत्सव के अवसर पर 22 लाख पौधे लगाने के निर्देश दिए, जिसमें राज्य के 22 जिलों में से प्रत्येक में एक लाख पौधे लगाए जाएंगे तथा उनका चार साल तक उनकी देखभाल की जाये जब तक कि वे जड़ न पकड़ लें।
उन्होंने कहा कि काबुली कीकर एक बड़ी समस्या है। सड़क के दोनों ओर कई बार यह दुर्घटना का कारण भी बनते हैं इसलिए संबंधित डीएफओ को हर साल काबुली कीकर की कम से कम 10 प्रतिशत छंटाई सुनिश्चित करनी होगी और इसके स्थान पर नए छायादार पौधे लगाने होंगे। मंत्री ने वनरोपण कार्य में गैर सरकारी संगठनों को शामिल करने और आवारा पशुओं के हमले से पौधों को बचाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने पर भी जोर दिया।
बैठक में मंत्री को अवगत करवाया गया कि राज्य में कुल वृक्ष आवरण लगभग 7.75 प्रतिशत है। विभाग वनों के सतत प्रबंधन और प्राकृतिक पार्कों, वन्यजीव अभयारण्यों, रामसर स्थलों और सामुदायिक रिजर्व जैसे संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन को सुनिश्चित कर रहा है। यह राज्य भर में हर्बल पार्क, नर्सरी, ऑक्सी-वैन और कृषि-वन भी स्थापित कर रहा है। वनरोपण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन इंडिया मिशन और पौधागिरी योजना जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे काम में और अधिक दक्षता सुनिश्चित करें और राज्य में 10 प्रतिशत वृक्ष आवरण का लक्ष्य हासिल करें। बैठक में अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव आनंद मोहन शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक जगदीश चंद्र, सभी वन राजिक अधिकारी, जिला वन अधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।