Friday, November 15, 2024
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अमूल ब्रांड की तरह वीटा को किया जाए प्रमोट, सहकारिता मंत्री ने दिए निर्देश

हरियाणा के सहकारिता एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने गुरुग्राम स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान हिपा में सहकारिता विभाग की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को सहकारिता क्षेत्र में सुधार व विकास के लिए कई अहम दिशा-निर्देश दिए।

बैठक में सहकारिता एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने पैक्स कमेटी (प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) के त्वरित डिजिटलाइजेशन की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। जिससे कि डिजिटलाइजेशन से व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता और दक्षता आए।

उन्होंने कहा कि पैक्स का डिजिटलाइजेशन न केवल कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह किसानों और अन्य हितधारकों को भी बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा।

 सहकारिता मंत्री ने हरियाणा की डेयरी फेडरेशन को वीटा का नाम अमूल ब्रांड की तरह लोकप्रिय और विश्वसनीय ब्रांड के रूप में विकसित करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के कृषि और डेयरी क्षेत्र को और मजबूती प्रदान करेगा। जिससे प्रदेश में डेयरी उद्योग को गति मिलेगी।

मंत्री ने कहा कि हरको बैंक की ओर से रखी गई पैक्स की समस्याओं के समाधान के लिए नीतियों पर विचार करने और सुधारात्मक उपायों को लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने नई सहकारी समितियों के गठन के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सहकारिता से रोजगार के नए अवसर लोगों को मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि अधिकारी दूसरे राज्यों का दौरा कर सहकारिता के क्षेत्र में किए जा रहे आधुनिक सुधारों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। ताकि उनको हरियाणा में क्रियान्वित किया जा सके।

 इस दौरान हरियाणा सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार राजेश जोगपाल ने मंत्री डा. अरविंद शर्मा का स्वागत किया। उन्होंने  बताया कि राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पोर्टल पर राज्य की सहकारी समितियों की जानकारी अपलोड की जा रही है।  जिसके द्वारा राज्य की सहकारी समितियों के कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। वर्तमान में हरियाणा की सभी ग्राम पंचायतें 782 पैक्स कमेटियों के कार्यक्षेत्र में आती हैं।  पैक्स द्वारा जन औषधि केंद्र, किसान समृद्धि केंद्र, और कॉमन सर्विस सेंटर जैसे जनहितकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हरियाणा की कई सहकारी समितियाँ राष्ट्रीय स्तर की सहकारी जैविक समिति, निर्यात समिति और बीज समिति की सदस्य हैं, जो राज्य की सहकारी क्षेत्र की शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

रजिस्ट्रार सहकारी समितियों ने सॉफ़्टवेयर क्षेत्र में की गई प्रगति के बारे में भी जानकारी दी, जिससे विभाग के कार्यों में और अधिक दक्षता आई है। उन्होंने बताया कि सभी सहकारी समितियों का पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया जा रहा है।

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