सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) का अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बकरार रखा है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस केस में अहम फैसला सुनाया है।
शुक्रवार को सात जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया। जिनमें चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला, मनोज मिश्रा शामिल हैं। वहीं जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एससी शर्मा ने असहमति जताई है।
Supreme Court overrules by 4:3 S Azeez Basha versus Union of India case which in 1967 held that since Aligarh Muslim University was a Central university, it cannot be considered a minority institution.
Supreme Court says issue of AMU minority status to be decided by a regular… pic.twitter.com/YInqFocwkJ
— ANI (@ANI) November 8, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक दर्जे का हकदार है। एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान हैं। वहीं इस केस में पर आगे सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच सुनवाई करेगी।
#WATCH | Delhi | Vice Chancellor of Aligarh Muslim University, Naima Khatoon says, “We honour the judgement. We will discuss with our legal experts for the next course of action.” pic.twitter.com/mam1NKYvKO
— ANI (@ANI) November 8, 2024