रोहतक में डेंगू के केस आने का सिलसिला अभी भी जारी है। डेंगू के आंकड़ों की बात की जाए तो 100 के पार हो चुका है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के दावे और हकीकत में जमीन-आसमान का फर्क दिखाई दे रहा है। जहां विभाग डेंगू के लार्वा व मरीज मिलने के बाद इलाके में फॉगिंग व कीटनाशक का छिड़काव करने का दावा करता है, वहीं स्थानीय निवासी इससे इन्कार कर रहे हैं।
सोमवार को पाड़ा मोहल्ला से डेंगू के एक मरीज की पुष्टि हुई थी। उसके बाद भी लोगों ने बताया कि यहां कई वर्षों से फॉगिंग नहीं हुई है। जिसके चलते रोजाना मच्छर पनप रहे है। ऐेसे में लोग बहुत बार बीमार तक हो रहे है। वहीं ज्यादातर घरों में लोग अभी भी बीमार पड़े हुए है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है।
वहीं मोहल्ले निवासी जयवीर कुमार यहां फॉगिंग कभी नहीं हुई। मेरा यहां पुश्तैनी मकान है। आजतक फॉगिंग होते तो मैंने नहीं देखी। स्वास्थ्य विभाग की टीम को इलाके में लार्वा नष्ट करते भी नहीं देखा।अमरजीत ने बताया कि इलाके में कोई भी रोग हो जाए, विभाग देखने भी नहीं आता है। बाकी चाहें विभाग जो कहता रहे। सच यही है कि यहां मच्छरों को नष्ट करने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है।
जयभगवान निवासी पता नहीं है। हम ध्यान भी नहीं देते। कभी तो किसी टीम को आते तो नहीं देखा। साफ-सफाई का कार्य स्वयं कर लेते हैं। वैसे तो इलाके में कई प्रकार की समस्या है। सभी आज भी बरकरार है। फॉगिंग नहीं हुई है।
सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार सैंपल लेने से लेकर लार्वा नष्ट करने का कार्य कर रही हैं। टीमें इलाके में जा जाकर लोगों को मच्छर जनित बीमारियों के प्रति जागरूक भी कर रही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डेंगू के मामले काफी कम हैं।