गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक। ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (एआईकेकेएमएस) ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के सैकड़ों किसानों पर पराली जलाने पर एफआईआर दर्ज करने, लाखों रुपए जुर्माना करने व फसल खरीदने पर रोक लगाने के खिलाफ मानसरोवर पार्क से लघु सचिवालय तक विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन दिया।
किसान संगठन एआईकेकेएमएस के प्रदेश सचिव जयकरण मांडौठी ने बताया कि पराली के फाने जलाने से मात्र 9 प्रतिशत प्रदूषण होता है। जबकि जहरीली गैसें तथा धुआं उगलते उद्योगों-फैक्ट्रियों, जनरेटरों, राकेटों, थर्मल प्लांटों, मोटर वाहनों, जगह-जगह जलते कूड़े के ढेरों, टूटी हुई सड़कों से उड़ती धूल, त्योहारों व अन्य अवसरों पर बेरोकटोक फोड़ते पटाखों तथा अन्य कई कारणों से लगभग 91 प्रतिशत से ज्यादा प्रदूषण होता है। आज तक हरियाणा की बीजेपी सरकार ने इनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। ज्ञापन में हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने को लेकर किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, डीएपी खाद तथा गेहूं के बीज की तुरंत आपूर्ति करने की मांग उठाई गई।
एआईकेकेएमएस के जिला कमेटी सदस्य रामकिशन तथा जयकिशन दलाल ने कहा कि सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ कर किसानों पर पराली जलाने के मुकदमे दर्ज करना गैरजिम्मेदाराना व्यवहार और सरासर अन्याय है। सरकार हर गांव में किसानों को मशीनें उपलब्ध कराए या आर्थिक सहायता दे। किसान नेता देवेन्द्र सिंह खेड़ी साध ने कहा कि हमारे गांव की लगभग 6 हजार एकड़ जमीन हरियाणा शहरी विकास निगम तथा आईएमटी खेड़ी साध ने एक्वायर कर रखी है। यह भूमि खाली पड़ी है तथा इसमें लंबे-लंबे सरकंडे, झाड़ियां तथा घास फूस इन दिनों में सूख जाती है और उनमें लगातार आग सुलगती रहती है, जिसके धूंए से हमारे गांव में भयंकर प्रदूषण बना रहता है। इस दौरान प्रदर्शन में धनराज, रामनिवास, रामकिशन, जयकिशन, देवेन्द्र, वजीर सिंह, विनोद कुमार, मामचंद, सतबीर, वीरेन्द्र, दलेलसिंह तथा रणबीर आदि ने भाग लिया।