गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक। जिले के भाली आनंदपुर गांव में हरियाणा सहकारी चीनी मिल के आसपास स्थित भाली आनंदपुर, बनियानी, डोभ, सुनारिया और अन्य गांवों के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। शुगर मिल में चीनी बनाते समय चिमनी से उड़ने वाले धूलकण से अब लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए चीनी मिल में 4.5 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी) उपकरण लगाया जा रहा है। जिसका उपयोग उत्सर्जन को नियंत्रित करने और धूल कणों को हटाने के द्वारा प्रदूषण की जांच के लिए किया जाता है।
चीनी मिल की प्रबंध निदेशक मेजर (सेवानिवृत) गायत्री अहलावत ने कहा कि इससे आसपास के गांवों के निवासियों को काफी राहत मिलेगी। जो कई वर्षों से मिल से निकलने वाली राख (गन्ने की धूल) के कारण परेशान थे। मिल में स्थापित पुराना ईएसपी अप्रभावी साबित हो रहा है, क्योंकि 2022 में उत्सर्जन की स्वीकार्य सीमा 150 मिलीग्राम/एम3 से संशोधित कर 80 मिलीग्राम/एनएम3 कर दी गई है। मिल प्रबंधन इस संबंध में करीब दो साल से राज्य के अधिकारियों से पत्राचार कर रहा था। राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद रोहतक के उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में मिल की प्रबंध समिति ने नया ईएसपी लगाने का निर्णय लिया।
गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले स्थापना पूरी कर ली जाएगी
प्रबंध निदेशक ने कहा कि आगामी गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले नए अत्याधुनिक ईएसपी की स्थापना पूरी कर ली जाएगी। आस-पास के गांवों के निवासियों ने उन्नत प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाने के कदम का स्वागत किया है। इससे पहले गांव और आस-पास के कई गांवों के निवासियों को कई वर्षों से चीनी मिल द्वारा उत्सर्जित राख के कारण बहुत असुविधा और कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों के पास कई शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी है।