गरिमा टाइम्स न्यूज रोहतक। स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के लिए टीम कभी भी शहर में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण कर सकती है। लेकिन शहर में घरों और खुले में पड़े कचरे का नियमित उठान नहीं हो रहा है। ऐसे में कई जगह कचरा गलियों और सड़कों पर बिखरा पड़ा है। नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां तक समय पर गलियों के अंदर से कूड़ा कचरा नहीं उठा पा रही है। ऐसे में रोहतक शहर किसी भी सूरत में स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन नहीं आ सकता है।
सड़कों के किनारे बिखरे कचरे के कारण इस बार भी स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर कट सकते हैं और इसका सीधा असर शहर की स्वच्छता रैंकिंग पर पड़ सकता है। शहर में डोर-टू-डोर कचरा उठाने की व्यवस्था है लेकिन नियमित रूप से कार्य न होने के कारण लोग कचरा सड़कों के किनारे डालने के लिए मजबूर हैं। वहीं शहर में कई जगहों पर मलबे के ढेर लगे हुए हैं। मलबा उठाने के लिए भी नगर परिषद के पास कोई प्रबंध नहीं है। इसके साथ गीला व सूखा कचरा निस्तारण का भी प्रबंध नहीं है। डोर टू डोर कचरा उठान करने वाली गाड़ियां की हालत भी खस्ता है। ऐसे में आए दिन कोई न कोई गाड़ी खराब होती रहती है। जिससे कचरा उठान का कार्य बाधित हो जाता है।
2023 में प्रदेश का सबसे क्लीन सिटी रहा था रोहतक
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में रोहतक शहर प्रदेश का सबसे क्लीन सिटी रहा था। छह साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए रोहतक ने प्रदेश में नंबर वन की रैंकिंग हासिल की थी। नगर निगम के पूर्व आयुक्त जितेंद्र कुमार और नोडल अधिकारी मनदीप धनखड़ ने दिल्ली पहुंचकर आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय से अवॉर्ड लिया था। हालांकि निगम राष्ट्रीय स्तर पर रोहतक निगम की रैंकिंग 109 है, जो साल 2022 के मुकाबले 71 पायदान नीचे है।
सफाई पर ही पूरा फोकस
चुनाव के चलते कर्मचारी व अधिकारी काफी व्यस्त चल रहे थे। सभी की ड्यूटी लगी हुई थी। अब सिर्फ सफाई पर ही पूरा फोक्स किया जा रहा है। अब की बार भी पहली ही रैंक हासिल करेंगे।-भूपेंद्र सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम