Farmers News : फसल अवशेष प्रबंधन पर सैटेलाइट के माध्यम से आगजनी की घटनाओं पर पैनी नजर रखी जा रही है। यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली में आग लगाता है तो तुरंत इसकी सूचना सैटेलाईट के माध्यम से अधिकारियों के पास पंहुच जाती है, जिस पर अधिकारी तुरंत खेतों में पंहुचकर कार्यवाही कर रहे हैं।
कुरूक्षेत्र के उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन पर नियुक्त किए गए अधिकारियों को आगजनी के मामलों पर कार्यवाही करने के सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं ताकि पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानांे की भूमि की उपजाउ शक्ति नष्ट न हो, मित्र कीटों को नुकसान न पंहुचे, राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके तथा भविष्य में बच्चों व आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव न पंहुचे इसके लिए एनजीटी के दिशा-निर्देश जारी कर पराली में आग न लगाने बारे आदेश जारी कर दिए गए हैं।
उपायुक्त ने कहा कि किसानों को जागरूक करने एवं आगजनी की घटनाओं की माॅनिटरिंग हेतु सम्बंधि उपमंडल अधिकारी नागरिक की अध्यक्षता में उपमंडल वाईज टीम गठित की गई हैं, जिसमें तहसीलदार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उपमंडल अधिकारी पंचायती राज, सम्बंधित थाना प्रभारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हैं। सभी 417 गांवों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। सभी खंड स्तरों पर 4 सदस्यीय अधिकारियों की टीमों का गठन कर दिया गया है, जिसमें कृषि विभाग, पुलिस विभाग, पंचायत विभाग तथा कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी शामिल किए गए हैं। उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली में आग लगाता है तो उसकी सूचना सीधे राजस्व विभाग के माध्यम से पटवारियों को भेजकर उनके फार्म रिकार्ड में रैड एंट्री दर्ज करने बारे आदेश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक जिला कुरूक्षेत्र में 40 किसानों पर एक लाख रूपए तक का जुर्माना लगाया जा चुका है तथा 11 किसानों के फार्म रिकार्ड में रैड एंट्री दर्ज की जा चुकी है। भविष्य में यदि किसी किसान ने पराली में आग लगाने की कोशिश की जो उसके खिलाफ जुर्माना लगाने के साथ-साथ अन्य कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि कोई भी किसान पराली में आगजनी की सूचना पुलिस हैल्पलाईन नम्बर 112 पर भी दे सकता है ताकि मामले में त्वरित कार्यवाही की जा सके।
उच्चतम न्यायालय व एन.जी.टी. के निर्देशानुसार यदि किसी थाना के क्षेत्र में पराली की आगजनी की घटनाएं पाई जाती हैं तो सम्बंधित थाना प्रभारी अथवा चैंकी इंचार्ज जिम्मेवार होगा। उप-निदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कुरुक्षेत्र डा. कर्मचंद ने बताया कि जिले में पराली प्रबंधन हेतु पर्याप्त मशीनरी उपलब्ध है। अब तक जिला में 2025 किसानों द्वारा कुल 17122 एकड़ इन-सीटु व एक्स-सीटु 1000 रूपये प्रति एकड़ पराली प्रबंधन के लिए पोर्टल पर पंजीकरण करवाया जा चुका है। पराली प्रबंधन की योजना इन-सीटु व एक्स-सीटु फसल प्रबंधन 1000 रूपये प्रति एकड़ के लिए पोर्टल पर पंजीकरण करवाने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2024 है।
उन्होंने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि अधिक से अधिक संख्या में पंजीकराण करवाकर योजना का लाभ लें तथा आगजनी की घटनाओं को पूर्ण विराम लगाएं।
किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि पराली में बिल्कुल आग न लगाएं। इसे इन-सीटु मैनेजमेंट के माध्यम से खेतों में मिलाएं और अपनी भूमि की उपजाउ शक्ति को बढ़ाएं। इसके साथ-साथ पराली में गांठे बनाकर जिला में स्थित विभिन्न फैक्ट्रियों को बेचकर मुनाफा कमाएं।