चंडीगढ़। हरियाणा में अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में पिछले 73 दिनों से हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात के बाद अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। मुख्यमंत्री ने मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) कार्यकर्ताओं के मासिक वजीफे में बढ़ोतरी और 2 लाख रुपये के सेवानिवृत्ति लाभ की घोषणा की।
आशा वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष सुरेखा ने कहा कि, ढाई महीने से चली आ रही हड़ताल खत्म हो गई है और आशा वर्कर्स अब अपनी ड्यूटी में वापस से शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि गुरुवार को यहां मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक के नतीजे के कारण आज शाम कार्यकर्ताओं को राज्य स्तरीय समिति को अवगत कराया गया। हमने 73 दिन से चल रही हड़ताल खत्म कर दी है।
सुरेखा ने आगे कहा, ‘कल सभी आशा कार्यकर्ता अपनी ड्यूटी में शामिल हो जाएंगी।’ उन्होंने कहा कि लगभग 20,000 आशा कार्यकर्ता पिछले 73 दिनों से हड़ताल पर हैं और उनका प्रतिनिधिमंडल अपनी विभिन्न मांगों को लेकर यहां खट्टर से मिला। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, खट्टर सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए मासिक वजीफा 2,100 रुपये बढ़ाने की घोषणा की, जिसके बाद उनका वेतन 6100 रुपये हो गया। उन्होंने इन कर्मियों के लिए 2 लाख रुपये के सेवानिवृत्ति लाभ की भी घोषणा की।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू) की राज्य अध्यक्ष सुरेखा ने कहा कि सरकार कुछ बकाया जारी करने पर भी सहमत हुई है जो 2018 से लंबित थे।इसलिए, सरकार हमारी कुछ मांगों पर सहमत हो गई है। हालांकि हम जो चाहते थे वह संभव नहीं हो सका। बैठक के दौरान हमें बताया गया कि कुछ प्रोत्साहन हैं जो केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. इस पर सहमति बनी कि मुख्यमंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात करेंगे और इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जायेगा। बता दें बैठक के दौरान खट्टर सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।