भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 10 में से 6 से अधिक उपभोक्ता अपनी अगली खरीदारी के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पर विचार करने की संभावना रखते हैं। हालांकि, इनमें से 60 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को एक बड़ी चुनौती माना है। यह अध्ययन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा किया गया था, जिसमें 1,300 से अधिक वैश्विक उत्तरदाताओं का सर्वेक्षण किया गया।
इस अध्ययन में पाया गया कि 56 प्रतिशत उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वाहन के लिए 40,000 डॉलर (लगभग 35 लाख रुपये) तक खर्च करने को तैयार थे। साथ ही, 64 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कहा कि वे अपने अगले वाहन के रूप में ईवी को चुनने के लिए तैयार हैं।
टीसीएस के अनुसार, 90 प्रतिशत निर्माताओं का मानना है कि बैटरी प्रौद्योगिकी में सुधार से ईवी की रेंज और चार्जिंग स्पीड में वृद्धि होगी, जबकि 74 प्रतिशत निर्माताओं का कहना है कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ईवी बाजार के विकास में सबसे बड़ी बाधा है।
अमेरिका में, 72 प्रतिशत उपभोक्ता अपनी अगली कार के रूप में ईवी खरीदने के इच्छुक हैं, और 41 प्रतिशत ने कहा कि वे एक बार चार्ज करने पर 200-300 मील की रेंज को स्वीकार करेंगे।
टीसीएस के अध्यक्ष अनुपम सिंघल के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां नई बैटरी तकनीक, वाहन डिजाइन, और उत्पादन लागत जैसी चुनौतियों का समाधान किया जाना जरूरी है।