हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान को तोड़ना कांग्रेस के डीएनए में शामिल है और वे संविधान को बचाने की दुहाई देते हैं, जबकि वे आज भी उनकी सरकार बनने के बाद धारा – 370 को वापिस करने जैसे बयान देकर भी संविधान को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद से पिछले 11 वर्षों में ये देश संविधान के अनुरूप चला है और असल मायने में आजाद भारत को लोगों ने देखा है।
मुख्यमंत्री करनाल में देश में आपातकाल लगाए जाने के 50 साल पूर्ण होने पर संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि जब हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी का दंश झेल रहा था, उस समय हमारे देश के नायकों ने अपना बलिदान दिया ताकि आने वाली पीढ़ियां खुली हवा में साँस ले सकें, लेकिन उस समय किसी को यह नहीं पता था कि देश एक ऐसा दौर भी देखेगा, जब पवित्र संविधान की हत्या की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 जून का दिन हम सबको याद कराता है कि उस समय कैसे रात के 12 बजे सरकार द्वारा इमरजेंसी का आदेश पारित होता है और आम लोगों को यातनाएं देते हुए पकड़ लिया जाता है। उन पर किए गए अत्याचारों से आज भी हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह आदेश उस सरकार की अपनी इच्छाशक्ति को पूरा करने के लिए जारी किया गया था। यह एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया था। देश के पवित्र संविधान को अपने स्वार्थ के लिए कुचल दिया गया। इमरजेंसी के दौरान संविधान और लोकतंत्र का एक बार भी स्मरण नहीं किया गया। किस प्रकार नेताओं और अपनी आवाज को बुलंद करने वाले लेखकों पर अत्याचार किए गए, उनको जेलों में बंद कर दिया गया, ताकि वे सरकार के खिलाफ कुछ न लिख सकें।
संविधान की रक्षा की बात करने वालों की पीढ़ियों ने भी कभी संविधान का सम्मान नहीं किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कभी संविधान का सम्मान नहीं किया और उनके नेता लोकतंत्र के मंदिर संसद में खड़े होकर बिल को फाड़ कर संविधान का अपमान करते है। संविधान की रक्षा की बात करने वालों की पीढ़ियों ने भी कभी संविधान का सम्मान नहीं किया। कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण ही लोगों को प्रताड़नाओं का दंश झेलना पड़ा और इन गलत नीतियों के कारण ही आज लोगों ने कांग्रेस को साफ कर दिया है।
लोकतंत्र केवल चुनाव जीतने और सरकार बनाने तक सीमित नहीं…
नायब सिंह सैनी ने कहा कि लोकतंत्र केवल चुनाव जीतने और सरकार बनाने तक सीमित नहीं है, लोकतंत्र एक जीवनशैली है, एक बहुमूल्य प्रणाली है। उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों को 25 जून 1975 को घोषित की गई इमरजेंसी के बारे में पीढ़ियों को अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद हमें अपने महापुरुषों की जयंतियों को मनाने का अवसर मिला, ताकि हम उनके जीवन को याद कर सकें, जो उन्होंने यातनाएं सही, देश की रक्षा व मानवता की रक्षा के लिए, उन कहानियों से हम भावी पीढ़ी को अवगत करा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का यह ‘स्मृति समारोह’ केवल अतीत को याद करने के लिए नहीं है, बल्कि यह हमें भविष्य के लिए तैयार करने का अवसर है। हमें एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना है, जहां लोकतंत्र हमेशा फलता-फूलता रहे, स्वतंत्रता की लौ हमेशा जलती रहे और भारत एक मजबूत और जीवंत लोकतंत्र के रूप में विश्व में हमेशा चमकता रहे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सूचना,जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज परिसर में पौधारोपण किया।
इस अवसर पर विधायक योगेंद्र राणा,भगवान दास कबीरपंथी, करनाल मेयर रेनू बाला गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।