Saturday, June 29, 2024
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 20 ग्राम पंचायतें हुई टीबी मुक्त, प्रतिनिधियों को पुरस्कार देकर किया गया सम्मानित

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कैथल। टीबी मुक्त ग्रामीण भारत अभियान के तहत जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक किए गए सर्वे के अनुसार जिले के 20 गांव भी टीबी (क्षय रोग) मुक्त पाए गए। डीसी प्रशांत पंवार ने इन ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को सोमवार को स्मृति चिह्न और प्रशंसा पत्र भेंट कर सम्मानित किया और बधाई दी।

डीसी प्रशांत पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान चलाकर लोगों को उत्साहित कर रहा है। जो पंचायत टीबी मुक्त हो गई हैं उन्हें सम्मानित किया गया है। उन्होंने सम्मानित होने वाली ग्राम पंचायतों से आह्वान किया कि वे इस टीबी मुक्त गांव के स्टेटस को बरकार रखें और साल 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने में अपना शत प्रतिशत योगदान दें। उन्होने सभी सदस्यों को निक्षय मित्र बनने बारे प्रेरित किया तथा जिला कैथल की सभी ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय कार्यक्रम टीबी मुक्त भारत में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का संदेश दिया।

सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि राज्य क्षयरोग कार्यालय, पंचकूला से आई टीम के द्वारा सर्वे व रिकार्ड के आंकलन करने के उपरान्त कुल 20 ग्राम पंचायतें चयनित की गई। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने गांवों के लिए कुछ पैरामीटर निर्धारित किए हुए थे। इन पैरामीटर को पूरा करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी व जिला क्षयरोग अधिकारी, ब्लॉक पंचायत अधिकारी चयनित पंचायतों से ग्राम सरपंच व ग्राम सचिव ने भाग लिया।

इन गांव को मिला सम्मान

गांव मंझेड़ी, बुडनपुर गुजरान, छन्ना जाटान, हरनौला, जनेदपुर, सुल्तानिया करतारपुर, कसौली, खेड़ी दाबन, मेगामाजरा, फर्शमाजरा, डडवाना, धेरडू, भालंग, दुमाड़ा, कलासर, नरवलगढ़, सिल्ला खेड़ा, बदनारा, जठेड़ी तथा मुन्नारेहड़ी।

ये हैं टीबी के लक्षण

सीएमओ रेनू चालवा ने कहा कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होने, खांसी के साथ बलगम या खून आने, सांस लेने पर सीने में दर्द होने, बेचैनी और थकान महसूस होने, शरीर में दर्द बने रहना, रात में बुखार व पसीना आना तथा भूख कम लगना और वजन घटना आदि है। इस प्रकार के लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और इलाज लें।

टीबी का इलाज संभव

सीएमओ रेनू चालवा ने कहा कि टीबी का इलाज संभव है। टीबी के मराजों को प्रोटीनयुक्त भोजन, पर्याप्त मात्रा में पानी व तरल पदार्थ, फल व सब्जियां आदि लें। वहीं सभी प्रकार के नशे (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब) चाय, तला हुआ खाना, मसालेदार खाना आदि का परहेज करें।

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