Friday, April 19, 2024
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देश का गौरव बढ़ाने वाले पहलवान निराश, बोले- आज शाम गंगा में बहा देंगे मेडल, करेंगे आमरण अनशन

साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि आज शाम 6 बजे सभी प्रदर्शनकारी पहलवान हरिद्वार जाकर गंगा में अपने-अपने मेडल प्रवाहित कर देंगे और फिर इंडिया गेट पर जाकर आमरण अनशन करेंगे।

रोहतक। देश का गौरव बढ़ाने वाले पहलवान उन पर हुए बल प्रयोग के बाद काफी निराश हैं। WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों को भले ही प्रदर्शनस्थल से उठा दिया गया हो लेकिन अभी भी उनका प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है। साक्षी मलिक ने पहले ही एक वीडियो जारी कर यह साफ कर दिया था कि उनका प्रदर्शन अभी जारी है और वह अपना अगला प्लान जल्द बताएंगे। इस बीच साक्षी मालिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने ट्वीट कर यह ऐलान किया है कि सभी प्रदर्शनकारी पहलवान आज शाम 6 बजे गंगा में अपने-अपने मेडल बहा देंगे और उसके बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा है कि इंडिया गेट हमारी शहीदों का स्मारक है, इसलिए हम भी वहीं अपने प्राण त्याग देंगे।

रेसलर साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फौगाट ने सोशल मीडिया पर एक जैसी पोस्ट करते हुए लिखा है कि वह अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे। 28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा, पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफ़आईआर दर्ज कर दी गई।

साक्षी मालिक, विनेश फौगाट और बजरंग पुनिया द्वारा सोशल मिडिया पर डाला गया पोस्ट

क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए योन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है, पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहा है। टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देने वाली अपनी घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है। यहां तक कि पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है, हम महिला पहलवान अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है, हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे।

उन्होंने लिखा कि अब लग रहा है कि क्यों जीते थे, क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करें, हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे। कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं। तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है। अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है, इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना। यह सवाल आया कि किसे लौटाएं. हमारी राष्ट्रपति को, जो खुद एक महिला हैं, मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ दो किलोमीटर बैठी देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं।

उन्होंने लिखा कि हमारे प्रधानमंत्री को, जो हमें अपने घर की बेटियां बताते थे, मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध-बुध नहीं ली। बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया और वह तेज सफेदी वाली चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था। उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी, मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र हूं। इस चमकदार तंत्र में हमारी जगह कहां हैं, भारत के बेटियों की जगह कहां हैं, क्या हम सिर्फ नारे बनकर या सत्ता में आने भर का एजेंडा बनकर रह गई है। ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ अपना प्रचार करता है यह तेज सफ़ेदी वाला तंत्र और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है।

इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है, न कि हमें मुखौटा बना फायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र। मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी। अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं। अब लोक को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ। हम आज शाम 6 बजे हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे। इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे।

इस बीच, बृजभूषण शरण सिंह ने 5 जून को अयोध्या में महारैली बुलाई है। इसमें संत भाग लेंगे। बृजभूषण और संतों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट का फायदा उठाकर इसका दुरूपयोग किया जा रहा है। वहीँ दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने 38 दिन से धरना दे रहे पहलवानों को हर मुमकिन सुविधा दी थी, लेकिन रविवार को इन लोगों ने कानून तोड़ा। अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो हम उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे।

रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत बुलाई गई थी। रेसलर्स ने वहां जाने के लिए मार्च निकाला और बैरिकेड्स भी तोड़े। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर FIR दर्ज की है। इन पर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। इन धाराओं में 7 साल तक कारावास का प्रावधान है। वहीँ जींद में खापों व किसानों ने पंचायत कर ऐलान किया कि दिल्ली में दूध, सब्जी, फल और अन्य सामान की सप्लाई को बंद करेंगे। किसान आंदोलन की तरह दिल्ली को चारों तरफ से घेर लिया जाएगा।

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