हिंदू धर्म में पूजा-पाठ बिना फूल के अधूरी मानी जाती है। हर दिन घर, मंदिर या ऑफिस में पूजा पाठ के दौरान हम देवी देवताओं की तस्वीर या मूर्ति पर फूल जरुर अर्पित करते हैं। लेकिन सभी फूलों में सबसे अधिक महत्व गेंदे के फूल का होता है। हर पूजा में गेंदा का फूल जरुर चढ़ाया जाता है।
आइए जानते हैं गेंदा फूल का महत्व
पूजा-पाठ के साथ-साथ तमाम मांगलिक कार्यों में गेंदे के फूल का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है। शुभ कार्यों में जब घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाए जाते हैं तो इसके साथ गेंदे के फूलों की माला भी शुभता के लिए द्वार पर लगायी जाती है। ऐसा माना जाता है कि गेंदा फूल का पीला और केसरिया रंग का हिंदू धर्म का प्रतीक है और हिंदू धर्म में इस रंग को शुभ माना जाता है।
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गेंदा फूल का संबंध अग्नि के समान प्रचंड व्यक्तित्व से भी होता है। गेंदा का केसरिया रंग त्याग और मोह-माया को भी दर्शाता है। गेंदा फूल अपनी पत्तियों से ही अंकुरित होता है। इसकी पत्तियां एक बीज के सहारे आपस में जुड़ी होती है, जोकि आपस में जुड़कर रहने के महत्व को दर्शाती है। भगवान विष्णु, गणेश जी और मां लक्ष्मी की पूजा में गेंदा के फूल का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है।
गेंदे के फूल का पूजा में कैसे करें उपयोग
भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है। इसलिए आप हर गुरुवार या प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा में गेंदा का फूल चढ़ायें। भगवान गणेश को भी गेंदा का फूल बहुत प्रिय है। भगवान गणेश को गेंदा का फूल चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।लेकिन भगवान को हमेशा ताजे और खिले-खिले गेंदा के फूल ही चढ़ाएं। बासी या मुरझाए गेंदा फूलों का प्रयोग पूजा के लिए न करें। आप घर पर भी गेंदा के फूलों का पौधा लगा सकते हैं। इससे आपकी बगिया की खूबसूरती बढ़ने के साथ ही घर पर सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।