प्रयागराज के महाकुंभ में अगर आप भी जा रहे हैं तो शाही स्नान में साधु-संतों के स्नान के बाद ही गंगा जी में पवित्र आस्था की डुबकी लगाएं।
गृहस्थ लोग इस नियम का पालन नहीं करें तो पुण्य की जगह पाप के भागी बनते हैं, साधु-संत कठिन तपस्या कर अद्भुत शक्तियां प्राप्त करते हैं।
कहा जाता है कि महाकुंभ में साधुओं के स्नान के बाद आम जन जब गंगा में डुबकी लगाते हैं तो संतों के कमाए पुण्य का लाभ गृहस्थजन को भी मिलता है।
धार्मिक नजरिए से महाकुंभ के दौरान गंगा जी में कम से कम 5 बार डुबकी लगानी चाहिए।
स्नान करते समय 'गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू' मंत्र का जाप करें, गंगा में डुबकी लगाते समय इस मंत्र का जाप करने से अमृत की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ में गंगा स्नान करने से पहले पानी से अपने शरीर को साफ कर लें।
गंगा जी में स्नान करते समय साबुन का इस्तेमाल न करें, इससे दोष लगता है।
महाकुंभ में घाट पर कपड़े न धोएं।
महाकुंभ में पूजा सामग्री नदी में न डालें।
महाकुंभ में कहीं पर भी प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल न करें।