क्यों तेजी से घट रही है गौरेया की संख्या 

छोटी सी गौरेया चिड़िया देखने में बहुत ही प्यारी लगती है.

20 मार्च को दुनिया भर में वर्ल्ड स्पैरो डे के रुप में मनाया जाता है.

हाउस स्पैरो गौरेया की सबसे सामान्य प्रजाति मानी जाती है.

लेकिन कुछ सालों से इसकी प्रजाति लगातार कम होती जा रही है.

शहरीकरण, हवा और पानी के बदलाव के कारण इसकी संख्या दिनोदिन घटती जा रही है.

पहले ये चिड़िया अक्सर घरों की बालकनी में पायी जाती थी.

जैसे जैसे शहर बड़े होते जा रहे हैं चिड़िया को अपने घोसले बनाने की जगह नहीं मिल रही है.

पेड़-पौधे खत्म होने के कारण गौरेया का जीवन मुश्किल हो गया है.

मोबाइल टावरों की बढ़ती संख्या भी गौरेया की घटती आबादी का कारण है.