तिल को भगवान विष्णु का प्रिय अनाज माना गया है, मकर संक्रांति के दिन तिल खाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
मकर संक्रांति के दिन तिल खाने से पिछले वर्षों के पापों का नाश होता है, और नई शुरुआत होती है।
तिल में कैल्शियम और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाता है।
मकर संक्रांति के दिन तिल खाने से घर में समृद्धि और सुख का आगमन होता है।
तिल खाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, जो मकर संक्रांति के दिन पारंपरिक महत्त्व को बनाए रखने में मदद करती है।
तिल खाने की परंपरा सामाजिक एकता को बढ़ावा देती है।
जो मकर संक्रांति के दिन लोगों को एक साथ लाने में मदद करती है।