दवाईयां क्यों होती हैं रंग-बिरंगी रंग की
जब भी हम बीमार होते हैं तो डॉक्टर के पास जाते हैं.
डॉक्टर हमें दवाई लेने की सलाह देते हैं.
ऐसे में आपने ध्यान दिया होगा कि ज्यादातर दवाइयां रंग-बिरंगी होती हैं.
क्या आप जानते हैं दवाइयां रंग-बिरंगी क्यों होती हैं ?
पहली बार 1960 के दशक में रंग-बिरंगी दवाई मिलनी शुरु हुई थी.
अलग-अलग रंगों की दवाई से मरीज को दवा पहचानने में मदद मिलती है.
अगर एक ही रंग की दवाई होगी तो मरीज को इसे पहचानने में मुश्किल होगी.
शोध के मुताबिक रंग बिरंगी दवाइयां इमोशनल अपील के लिए अच्छी होती है.