पत्थरचट्टा से कौन-कौन सी बीमारी होती है दूर, कैसे करें इन पत्तों का सेवन

पथरचट्टा एल्कलॉइड्स, फ्लेवोनोइड्स , ग्लाइकोसाइड्स, कार्डिएनोलाइड्स और स्टेरॉयड जैसे बायोएक्टिव गुणों से भरपूर है

इनके पत्तों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि शरीर को कई बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं

कई बीामरियो से जुड़ी समस्याओं का निवारण करने में पत्थरचट्टा का पत्ता काम आता है 

पथरचट्टा का उपयोग डायबिटीज मेलेटस के मामले में किया जा सकता है. पथरचट्टा में फिनाइल एल्काइल ईथर नामक बायोएक्टिव कंपाउंड होता है जो कि इंसुलिन के प्रोडक्शन को उत्तेजित कर सकता है, जिससे शुगर का स्तर और कम हो सकता है

डायबिटीज

पथरचट्टा में सूजन-रोधी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं. पथरचट्टा के तने का अर्क दर्द और सूजन को कम कर सकता है. हड्डियों से जुड़ी समस्याएं जैसे कि गठिया और जोड़ों के दर्द में पथरचट्टा का सेवन फायदेमंद है

गठिया

गुर्दे की पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल से बनी होती है. पथरचट्टा पौधे का सैपोनिन कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल को तोड़ सकता है. ये पथरियों को पानी के साथ फ्लश ऑउट करने में मदद करता है और फिर किडनी को स्वस्थ रखने में मददगार है

पथरी

पत्थरचट्टा के पत्तों को उबाल लें और इसमें नमक मिला लें और फिर इसके रस को छान लें. फिर इसे एक कप में डालें और आराम से बैठकर इसका सेवन करें

पत्थरचट्टा को कैसे खायें

आप इनकी पत्तियों को पीसकर इनका अर्क निकालकर भी इनका सेवन कर सकते हैं. इस प्रकार से पत्थरचट्टा के पत्तों का सेवन सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है