भारत में रोटियां बनाना कब से शुरु हुआ, दुनिया में सबसे पहले कहां पकी थी रोटी

हम भारतीयों को रोटी खाना बहुत पसंद होता है

रोटियों के बिना तो खाने की थाली ही अधूरी लगती है

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है हमारी पंसदीदा रोटी का अविष्कार कब हुआ

उत्तर-पूर्वी जॉर्डन में एक जगह पर कुछ अवशेष मिले थे जहां से पता चला कि इस जगह पर लगभग साढ़े 14 हजार साल पहले रोटी (फ्लैटब्रेड) पकाई गई थी

कुछ जानकारों का कहना है कि रोटी का जन्म लगभग पांच हजार साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता में हुआ था

गेहूं का एक पेस्ट बनाकर उसको गर्म पत्थर पर पकाकर रोटी बनाई जाती थी

रोटी सबसे पहले पर्सिया से आई, जहां पर ये थोड़ी मोटी और मैदे की बनी होती थी।

जबकि कुछ इतिहासकारों का कहना है कि इसकी शुरुआत पूर्वी अफ्रीका में हुई थी, जिसके बाद इसे भारत लाया गया था

आटे की बनी रोटी का जन्म पहले अवध में हुआ जहां पर गेंहू की पैदावार ज्यादा होती थी

रोटी को पहले यात्रियों के खाने के लिए बनाया गया था जोकि कटोरी के आकार का होता था ताकि इसमें सब्जी को रखकर आसानी से खाया जा सके और किसी और बर्तन की जरूरत न पड़े

हमारे देश में रोटी पुराने समय से ही बन रही है इसका प्रमाण पुराने ग्रंथों से मिलता है

15 वीं शताब्दी में भगवान गोपाल जी को चपातियां अर्पित की जाती थीं, जिन्हें रसोई में खीर और मीठे चावल से अधिक आवश्यक माना जाता था

रामचरितमानस में तुलसीदास ने 1600 ईसापूर्व में कटोरी से मिलती-जुलती रोटी का वर्णन किया है

आयुर्वेद में बताया गया है कि रोटी का जन्म वैदिक काल से ही हुआ है

मुगल काल के बादशाह अकबर के समय में अबुल फजल ने रोटी के बारे में बताया है कि ये बादशाह की सबसे पसंदीदा थी