अनंत मौन यानी भौतिक जीवन की अंतिम क्रिया यानी मृत्यु, इस मायावी दुनिया का अटल सत्य है. इस अटल सत्य से कोई भाग नहीं सकता. एक न एक दिन मौत आनी ही है. लेकिन क्या मौत आने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है.
विज्ञान के नजरिए से समझें तो मौत आने से पहले शरीर में कई संकेत दिखते हैं जिनके आधार पर नजदीक आती हुई मौत को भांपा जा सकता है. ऐसे में समय से पहले मौत न आए, इसके लिए आपको अलर्ट रहने की जरूरत है.
हमारा यहां यही प्रयास है कि अगर समय से पहले मौत आती है तो इसे कैसे रोका जाए. इसलिए यहां ऐसे 11 संकेतों के बारे में चर्चा करेंगे जो समय से पहले मौत के वार्निंग साइन हो सकते हैं.
बहुत ज्यादा नींद- जब मौत नजदीक आती है तो शरीर में एनर्जी की बहुत ज्यादा कमी होने लगती है. इसलिए बहुत नींद आती है क्योंकि जब तक एनर्जी नहीं रहेगी तो जागने के दौरान खर्च कहां से होगा. ऐसे में व्यक्ति सारा समय सोता रहता है.
हार्ट की क्षमता कमजोर- मौत नजदीक आने से पहले हार्ट की क्षमता कमजोर होने लगती है. हार्ट ब्लड को सही तरीके से पंप नहीं कर पाता है जिसके कारण ऑक्सीजन पूरी बॉडी तक पहुंचती नहीं है. बिना ऑक्सीजन शरीर की कोशिकाएं एनर्जी बनाने में असमर्थ हो जाती है. इसलिए शरीर में ताकत ही नहीं लगती.
भूख-प्यास नहीं लगती-जब शरीर मरने वाला होता है तो इसे बहुत ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत नहीं होती. इसलिए भूख-प्यास में नाटकीय रूप से कमी हो जाती है. यह महीनों पहले से शुरू हो जाता है. पाचन तंत्र को भोजन को प्रोसेस करने में बहुत मुश्किल होती है. इसलिए लोग बहुत कम खाते-पीते हैं.
पेट और पेशाब पर कंट्रोल नहीं-डाइजेस्टिव सिस्टम बहुत स्लो हो जाता है. इससे स्टूल पास करने में दिक्कत होने लगती है. कॉन्स्टिपेशन भी होने लगता है. इससे पेट के मसल्स पर कंट्रोल कर पाना भारी हो जाता है. वहीं मूत्राशय पर जोर कम हो जाता है जिसके कारण पेशाब भी कंट्रोल से बाहर होने लगता.
मसल्स क्षणभंगुर-मौत आने से महीनों पहले से वजन कम होने लगता है इससे मसल्स ढीले होने लगते. चूंकि खाना बहुत कम हो जाता है, इसलिए मसल्स मास घटता ही जाता है और मसल्स में संकुचन बहुत कम होने लगता.
स्किन फटने लगती-मसल्स के अलावा स्किन का भी वही हाल होने लगता है. स्किन बहुत पतली और कमजोर होने लगती है. हल्की सी खरोंच होने पर स्किन छिल जाती है.
कंफ्यूजन- हार्ट पंप करना कम कर देता है इसलिए दिमाग में सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं पहुंचती. ऐसे में याददाश्त कमजोर होने लगती है और अक्सर दिमाग में कंफ्यूजन बढ़ जाता है. लोग चिड़िचिड़ा हो जाते हैं. बुजुर्ग जब अस्पताल में भर्ती होते हैं तो वे हाथ में लगे ड्रिप को खींचने लगते हैं.
दर्द-मौत नजदीक आने पर व्यक्ति के शरीर के कई हिस्सों में दर्द बढ़ जाता है. हालांकि यह दर्द उपर से नहीं दिखता लेकिन अंदर से दर्द हो सकता है. इसलिए शरीर अचानक झटके भी खा सकता है.
टेंपरेचर, पल्स रेट में कमी-मौत नजदीक आने पर शरीर की टेंपरेचर कम होने लगता है. हार्ट रेट और पल्स रेट भी गिर जाता है. शरीर के कई अंगों में सुन्नपन्न आने लगता है.
सांस लेने में तकलीफ-कई संकेतों के साथ अगर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो एक तरह से यह सबसे बड़ा वार्निंग साइन है. इन सारे संकेतों से पहले मेडिकल अटेंशन जरूरी है.