मन्नू से CM मनोहर लाल बनने की कहानी

श्री मनोहर लाल का जन्म 5 मई, 1954 को ज़िला रोहतक के निंदाणा गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ।

मनोहर लाल खट्टर के जन्म से पूर्व इनके परिवार ने भारत-पाकिस्तान बंटवारे की त्रासदी को झेला। उस समय इनका परिवार वहां पर अपना सब कुछ छोड़कर ज़िला रोहतक के गांव निंदाणा में आकर बसा।

श्री मनोहर लाल के परिवार ने भरण-पोषण के लिए रोहतक जिले के गांव बनियानी में खेती शुरू की और यहीं पर रहने लगे।

मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे,लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वे परिवार के अन्य सदस्यों की तरह ही खेती करें। उन्होंने शिक्षा के महत्त्व पर अपने पिता को विश्वास में लेकर रोहतक के नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय में प्रवेश लिया।

मनोहर लाल बचपन से ही पढ़ने लिखने में बहुत तेज थे।

मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए मनोहर लाल ने दिल्ली का रुख किया, जहां जाकर उनकी जिंदगी में एक नया मोड़ आया।

मनोहर लाल ने दिल्ली में एक छोटी सी कपड़े की दुकान चलाने के साथ-साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई पूरी की

1977 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में अपना जीवन शुरू किया। मनोहर लाल ने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर अपने निजी जीवन को जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया।

1980 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए।

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