अब Teenagers को भी अपना शिकार बना रहा है स्ट्रोक

स्ट्रोक को पहले बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था लेकिन अब ये युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है

एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती होने वाले 20 साल से कम उम्र के हर 100 मरीजों में से दो को स्ट्रोक हो चुका है

बीते कुछ सालों से युवाओं में स्ट्रोक का खतरा अधिक बढ़ गया है

जिन मरीजों को स्ट्रोक आया डॉक्टरों का कहना है कि इन मरीजों में मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर था

21 से 45 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों में यह स्थिति और भी गंभीर है

तनाव, नशाखोरी, नींद की कमी और डिप्रेशन लगभग 40 से 50 प्रतिशत मामलों में स्ट्रोक का कारण बनते हैं

गर्दन में झटके, अचानक गर्दन का मुड़ना, जिम में गर्दन का विपरीत व्यायाम और सैलून में गर्दन के असामान्य मूवमेंट के कारण भी स्ट्रोक के नए मामले सामने आ रहे हैं

डॉ का कहना है कि हर इंसान को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की निगरानी की जानी चाहिए और सभी को इसे अक्सर करना चाहिए