अक्सर अपने घर के मंदिर में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों को देखते ही मन में यह सवाल आ जाता है कि मंदिर में एक से अधिक मूर्ति रखना सही है या गलत?
प्रेमानंद महाराज के दरबार में पहुंचे एक भक्त ने जब यह सवाल पूछा तो उन्होंने उसका जवाब दिया
प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, 'घर का पूजन स्थल और मंदिर में अतंर समझना जरूरी है। मंदिर शब्द पूजन स्थल से ज्यादा व्यापक है।'
अगर घर के पूजन स्थल की बात हो तो वहां किसी एक देवी-देवता को स्थापित कर सकते हैं।
जब बात मंदिर की हो रही है तो वहां मुख्य देवी-देवता के अलावा पंच परमेश्वर स्थापित करने क
ी भी आवश्यकता हो जाती है।'
'अगर आप भोलेनाथ का मंदिर बनवा रहे हैं तो आपको उनकी प्रतिमा या शिवलिंग के अलावा पंच देव
भी स्थापित करने होंगे।'
'अकेले भगवान शंकर को विराजमान नहीं कर सकते. साथ में मां अम्बा, भगवान गणेश, कार्तिकेय, नंदी
केश्वर की मूर्ति स्थापित करनी होगी।'