इंसानों की तरह तारों को भी आती है छींक

नाक में धूल के कण जाने पर इंसानों को छींक आती है

लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि तारों को भी छींक आती है.

तारों को छींक उस वक्त आती है जब वो बन रहे होते हैं.

तारे गैस और विशाल बादलों में पैदा होते हैं.

जब तारे एक साथ आते हैं तब एक गर्म, ठोस कोर बेबी तारे का निर्माण करते हैं.

इस कोर के चारों ओर बचे हुए समान की एक घूमती हुई डिस्क बन जाती है जिसे प्रोटोस्टेलर डिस्क कहते हैं.

 प्रोटोस्टेलर डिस्क कभी-कभी छींक की तरह समान को बाहर निकाल देती है.

जब तारें छींकते हैं तब जोर से गैस, धूल और मैग्नेटिक एनर्जी निकलती है. 

छींकना किसी तारे की परिक्रमा और विकास के लिए बहुत जरुरी है.