– सुहागिन महिलाओं के लिए करवाचौथ का व्रत खास होता है। इस व्रत को रखने पर आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानिए क्या हैं वह बातें।
इस व्रत पर पूरा शृंगार करें और मेंहदी से हाथ रचाएं। माना जाता है कि सुहागिन महिलाओं को करवा माता की पूजा 16 शृंगार के साथ करनी चाहिए। इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल बनता है।
करवाचौथ के व्रत की शुरुआत सुबह सरगी के साथ होती है। इसे खाने के बाद से पानी और खाने का त्याग होता है। हालांकि, चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। ऐसे में सरगी में आपको हेल्दी चीजों को शामिल करना चाहिए, जिससे आप दिनभर एनर्जेटिक बने रहें।
पूरे दिन निर्जला व्रत के बाद बहुत ज्यादा खाना न खाएं क्योंकि इससे एसिडिटी या फिर दूसरी समस्याएं हो सकती हैं। व्रत खोलने के लिए कुछ मिठाई, पानी और फलों को खाएं और फिर कुछ समय के बाद सिंपल खाना खाएं। बहुत हैवी मील लेने से बचें।
करवाचौथ प्यार और रिश्तों का जश्न मनाने का दिन है। ऐसे में इस दिन क लिए लाल रंग पहनना सबसे अच्छा माना जाता है। कोशिश करें कि व्रत में आप काले-सफेद कपड़ों को पहनने से बचें।
करवाचौथ के मौके पर सास के लिए बायना निकाला जाता है। इसमें बहू अपनी सास को साड़ी-सूट के अलावा, खाने का सामान, मिठाई, जूलरी दे सकती हैं। ये एक तरह का रिवाज होता है और इसे शुभ माना जाता है।
करवाचौथ के मौके पर सास के लिए बायना निकाला जाता है। इसमें बहू अपनी सास को साड़ी-सूट के अलावा, खाने का सामान, मिठाई, जूलरी दे सकती हैं। ये एक तरह का रिवाज होता है और इसे शुभ माना जाता है।