मुस्कुराइए आप नवाबों के शहर में हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ नवाबों को शहर यू ही नहीं कहा जाता। ये कई वजहों से फेमस है। जैसे अपने लजीज खाना, चिकनकरी और अपनी तहजीब ,आदर के लिए तो फेमस ही है। इसके साथ ही लखनऊ जहां अपनी संस्कृति ऐतिहासिक और कला संस्कृति का केंद्र है।
इस शहर में देश-विदेश के लोग यहां घूमने आते हैं। यह शहर न केवल अपने नवाबी ठाठ बाठ के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यहां के टुंडे कबाब और दरियादिली के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है। अगर आप लखनऊ घूमने जा रहे हैं तो आप इन जगहों पर एक बार जरूर घूमने जाएं।
लखनऊ अपनी संस्कृति, इतिहास और विरासत के लिए प्रसिद्ध है. यह शहर नवाबों की नगरी के रूप में जाना जाता है. जहां तहजीब, अदाब, शायरी और भोजन की महक हर तरफ फैली हुई है. जबकि यहां के कई टूरिस्ट प्लेस खासे मशहूर हैं.
चारबाग रेलवे स्टेशन : राजपूत शैली में बना और वास्तुकला का अद्भुत नमूना है लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन, जिसकी खूबसूरती और भव्यता देखकर लोग यहां के दीवाने हो जाते हैं. देश के सबसे खूबसूरत रेलवे स्टेशनों में से यह देखने में शतरंज की बिसात जैसा दिखता है. इसकी विशेषता एक यह है कि यहां से ट्रेन की आवाज बाहर नहीं जाती है. चाहे प्लेटफॉर्म पर कितना भी शोर क्यों न हो, लेकिन उसकी आवाज स्टेशन के बाहर नहीं सुनाई देती.
बड़ा इमामबाड़ा : यह लखनऊ का प्रमुख पर्यटन है। इसका निर्माण नवाब आसफउदौला ने 1784 में कराया था। इसकी विशालता और भव्यता हैरान करती है। विशेष बात यह है कि इसमें एक भूल भुलैया है, जिसमें कई गलियां और रास्ते हैं जहां अक्सर लोग भटक जाते हैं। यहां से शहर का शानदार नजारा देख सकते हैं।
रूमी दरवाजा: यह 60 फीट ऊंचा दरवाजा लखनऊ की पहचान है. इसे भी नवाब आसफउद्दौला ने 1784 में बनवाया था. इसकी संरचना तुर्की शैली में की गई है और यह लखनऊ की संस्कृति का प्रतीक है. रूमी दरवाजा की रात्रि में रोशनी देखना एक अद्वितीय अनुभव होता है.
छोटा इमामबाड़ा: इसे हुसैनाबाद इमामबाड़ा भी कहा जाता है. इसकी सजावट और शिल्पकला आपको मोहित कर देगी. इसके अंदर एक झील, मस्जिद और एक बाग है. इसकी दीवारों पर मोजेक ग्लास का काम और छत पर चांदी का काम देखने योग्य है.
हजरतगंज: यह स्थान लखनऊ आने वाले पर्यटकों यहां की खूबसूरती और विविधता बहुत भाती है. शाम के समय यहां की सड़कों पर चलते हुए आपको विदेश में घूमने जैसा एहसास होता है. विक्टोरियन शैली की इमारतें और ऐतिहासिक स्मारक शहर की संस्कृति और इतिहास को दर्शाते हैं.
ब्रिटिश रेजीडेंसी: यह एक ऐतिहासिक स्थल है, जो 1857 की क्रांति के समय की याद दिलाता है. यहां की इमारतें और उनके खंडहर आपको उस समय की याद दिलाते हैं, जब भारत ने अंग्रेजों के खिलाफ अपने पहली स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी. ब्रिटिश रेजीडेंसी में एक म्यूजियम भी है.
गोमती रिवर फ्रंट : लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट देखे बिना आपकी ट्रिप अधूरी है। यहां आपको नदी के किनारे किनारे बड़ा सा मैदान घूमने के लिए मिलता है। और शाम को यहां म्यूजिक भी बजता है तो मन को सुकून देता है। यहां साइकिल ट्रैक भी है। इसके अलावा यहां बैठने के लिए कई अच्छी जगह भी है।
अंबेडकर पार्क : अंबेडकर पार्क लखनऊ में पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण केंद्र रहता है। यहां बी आर अंबेडकर की प्रतिमा तो है, साथ ही यहां ज्योतिबा फुले, बिरसा मुंडा ,साहू जी महाराज और काशीराम जैसे महान लोगो की प्रतिमाएं है। पत्थर से बने 40 हाथी यहां का सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करते हैं।
अमीनाबाद बाजार : लखनऊ में फेमस यह बाजार बेहद ही पुराना और पसंदीदा बजारों में से एक है। जिसकी स्थापना नवाब अमीनउद्दौला ने 1840 में की थी। अमीनुद्दौला नवाब वाजिद अली शाह के पिता अमजद अली शाह के प्रधानमंत्री थे। इसे अंग्रेजों के सत्ता में आने के बाद विकसित किया गया था।
फूड पॉइंट्स : लखनऊ गए और टुंडे कबाब नहीं खाए तो क्या किया? टुंडे कबाबी के अलावा, अमीनाबाद में आज़माने के लिए और भी बहुत कुछ है। यहां हर कदम पर आपको कुछ मजेदार और स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे, जिन्हे आप टेस्ट किये बिना नहीं रहेंगे।
चिकनकारी : नवाबों के शहर लखनऊ में 2 चिकन लोकप्रिय है। एक खाने वाला तो दूसरा पहनने वाला। यहां की मशहूर चिकनकारी कढ़ाई दुनियाभर में खूब पसंद की जाती है। यह अनूठी और खूबसूरत कशीदाकारी कला है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और अमीनाबाद बाजार चिकनकारी कढ़ाई के सामान के लिए प्रसिद्ध है
चिड़ियाघर : लखनऊ जू को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। यहां आप नौका विहार, बैटरी वाहन, टॉय ट्रेन की सवारी का लुत्फ उठा सकते हैं। 1921 में गवर्नर हरकोर्ट बटलर ने इस चिड़ियाघर की स्थापना की थी। यह 72 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां वन्य जीवों से लेकर एक्वेरियम तक देखने को मिल जायेगा।