गले में हो रही है दिक्कत तो ना करें नजर अंदाज, जानें टॉन्सिल स्टोन के लक्षण

टॉनसिल स्टोन गले में होने वाली एक गंभीर समस्या है, जिसके बारे में बहुत कम सुनते या बात करते हैं। नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस करने के बावजूद, सांसों की दुर्गंध के साथ या उसके बिना आपके गले के पिछले हिस्से में बेचैनी का होना, विभिन्न प्रकार की बीमारियों का संकेत हो सकती है। 

जिसमें स्ट्रेप थ्रोट या टॉन्सिलिटिस शामिल हैं। ऐसे में अगर आप अपने टॉन्सिल पर पीले-सफ़ेद दाने देखते हैं, तो आपको टॉन्सिल स्टोन होने की सबसे अधिक संभावना हो सकती है। टॉन्सिल स्टोन्स अक्सर बजरी के आकार के होते हैं, लेकिन वे काफी छोटे भी हो सकते हैं जिसकी वजह से उन्हें नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता। 

अगर इनका समय पर इलाज ना किया जाए और वो लंबे समय तक बढ़ते रहें, तो संभावित रूप से यह गोल्फ बॉल या उससे भी बड़े आकार तक बढ़ सकते हैं। आम तौर पर यह नरम होते हैं लेकिन यह कठोर भी हो सकते हैं और दिखने में हल्के पीले या सफेद होते हैं। चलिए जानते हैं टॉन्सिल स्टोन के लक्षण क्या होते हैं-

टॉन्सिल स्टोन के लक्षणों में गले का दर्द, कान का दर्द, निगलने में कठिनाई होना, सांसों की दुर्गंध, गले में खराश, तालु के अंदर की ओर ऊपर हल्के पीले या सफेद जमाव,  गर्दन के पिछले बाहरी हिस्से में सेंसेशन होना दिखाई देता है। 

टॉन्सिल आपके गले के पीछे के टिशू होते हैं जो बैक्‍टीरिया और वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोकते हैं। इसमें छोटे-छोटे छेद और दरारें होती हैं। टॉन्सिल कीटाणुओं को फिल्‍टर करते हैं लेकिन कई बार बैक्‍टीरिया और डेबरिस इन छेदों और दरारों में फंसकर कठोर हो जाता है जो टॉन्सिल स्‍टोन बन सकता है। 

टॉन्सिल स्‍टोन का मुख्‍य जोखिम खराब ओरल हाईजीन है। इसके अलावा जिन लोगों को बार-बार टॉन्सिलिटिस की समस्‍या होती है उन्‍हें इसका सामना करना पड़ सकता है। कई बार लंबे समय तक साइनस की परेशानी होने पर भी टॉन्सिल स्‍टोन की समस्‍या हो सकती है।

लोग यह पता लगाने के लिए उन्हें टॉन्सिल स्टोन है या नहीं आईने में देखने की कोशिश करते हैं। लेकिन टॉन्सिल स्टोन हमेशा नंगी आंखों से दिखाई नहीं देते हैं। कभी-कभी नग्न आंखों से देखने के लिए यह बहुत छोटे होते हैं। 

टॉन्सिल स्टोन  को रोकने के लिए समय-समय पर गरारे करें।  हार्ष टूथपेस्‍ट का उपयोग करने से बचें।  खाने में अधिक मिर्च-मसाले का उपयोग न करें। धूम्रपान से बचे।  गले को अधिक सूखने न दें और  पर्याप्‍त मात्रा में पानी पिएं।  गले में दर्द होने पर पेन किलर का सेवन कर सकते हैं