महाकुंभ स्नान में कितनी डुबकी लगाना हैं जरुरी, तभी मिलता है फल

महाकुंभ 2025 महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है, पौष पूर्णिमा पर आज पहला स्नान है। 

गंगा में डुबकी दोपहर 1 बजे तक 1 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा चुके है 

विदेशी भी आए भारत देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज पहुंचे हैं विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी तादाद में कुंभ स्नान करने आए हैं 

कहां- कहां से आए श्रद्धालु  प्रसाशन के मुताबिक, जर्मनी, ब्राजील रूस समेत 20 देशों से भक्त पहुंचे हैं, हर घंटे संगम में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं।

45 दिन का कल्पवास  आज से ही श्रद्धालु 45 दिन का कल्पवास शुरू करेंगे, महाकुंभ 144 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है।

कितनी डुबकी लगाएं  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ के दौरान इंसान को 3 या 5 बार गंगा में डुबकी लगानी चाहिए क्योंकि यह पवित्र डुबकी त्रिदेवों के नाम लगती है।

तीन देवों को समर्पित   ये तीन डुबकी ब्रम्हा, विष्णु और महेश को समर्पित है, जबकि 5 डुबकी में त्रिदेव 2 में ईष्ट देव और 1 पूर्वजों के कल्याण को समर्पित है।