कहीं आप भी तो नहीं हो गए हैं Psychotic Depression का शिकार, जानें लक्षण और उपाय

इन दिनों लोग कई तरह की मानसिक समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। Depression इन्हीं में से एक है जिससे आजकल कई प्रभावित है। इसका असर न सिर्फ हमारी मेंटल बल्कि फिजिकल हेल्थ पर भी देखने को मिलता है। सही समय पर इसका इलाज न होने पर खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। 

इन्हीं में से साइकॉटिक डिप्रेशन एक मेंटल हेल्थ प्रोब्लम है, जिसमें इंसान को जरूरत से ज्यादा तनाव और स्ट्रेस होता है और वह हमेशा उदास रहता है. आज हम आपको बताएंगे कि इस मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी के क्या लक्षण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.

साइकॉटिक डिप्रेशन को डीप डिप्रेशन भी कहा जाता है. इस मेंटल हेल्थ प्रोब्मल का शिकार व्यक्ति हमेशा उदास रहता है और उसके स्लीपिंग पैटर्न के साथ खानपान में भी बदलाव होता है. साइकॉटिक डिप्रेशन से पीड़ित इंसान भ्रम में जीने लगता है. 

कई बार उसे कुछ ऐसी आवाजें और लोग दिखाई देते हैं, जो सचमुच में होते ही नहीं है. इसके अलावा साइकॉटिक डिप्रेशन से जूझने वाला व्यक्ति हर बात के लिए खुद को ही दोषी समझने लगता है. उनका हमेशा उदास रहना और मूड का खराब रहना खास लक्षण है. 

साइकॉटिक डिप्रेशन का शिकार इंसान का किसी भी काम में मन नहीं लगता। उसकी भूख कम हो जाती है और वजन तेजी से घट जाता है। उसे नींद बहुत कम आती है या फिर बहुत ज्यादा आती है। इसके साथ ही हमेशा थका थका रहता है और एनर्जी लेवल डाउन हो जाता है. 

बेवजह अपराधबोध में अपना जीवन जीने लगता है और हर गलत चीज के लिए खुद को दोषी ठहराने लगता है. ऐसा व्यक्ति कोई भी निर्णय लेने में कंफ्यूज रहता है. साइकॉटिक डिप्रेशन का सबसे खतरनाक लक्षण है कि मरीज के मन में बार-बार आत्महत्या के विचार आते हैं. 

अगर परिवार में पहले कोई साइकॉटिक डिप्रेशन से पीड़ित रह चुका है तो ऐसे में ये मेंटल डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीँ अगर व्यक्ति के दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन का संतुलन बिगड़ता है तो वह साइकॉटिक डिप्रेशन का शिकार हो सकता है. 

शरीर में हार्मोन के असंतुलन की वजह से भी साइकॉटिक डिप्रेशन होता है. खासतौर पर महिलाओं में इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम का मुख्य कारण हार्मोनल इंबैलेंस है. इसके अलावा अगर अपने बचपन में कोई दुर्घटना देखी है तो उसे साइकॉटिक डिप्रेशन हो सकता है. 

साइकॉटिक डिप्रेशन से बचाव चाहते हैं तो इन लक्षणों को तुरंत पहचान कर किसी अच्छे मनोचिकित्सक के पास जाएं. इस के इलाज के लिए व्यक्ति को टॉक थेरेपी दी जाती है, जिससे उसे काफी हद तक आराम मिलता है.