क्या आप जानते हैं लोटस टेंपल किसने बनवाया था
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नेहरु प्लेस के पास लोटस टेंपल स्थित है.
यहां रोजाना हजारों की संख्या में लोग घूमने की संख्या में आते हैं.
इस मंदिर में ना ही किसी भगवान की मूर्ति और ना पूजा की जाती है.
लोटस टेंपल हिंदू, मुस्लमान, सिख, ईसाई और जैन इनमें से किसी भी धर्म का नहीं है.
लोटस टेंपल को बहाई धर्म के द्वारा बनवाया गया था. इस धर्म में मूर्ति की पूजा करने की परंपरा नहीं है.
लोटस टेंपल को बहाई समुदाय के लोगों ने बनवाया था. हालांकि इसमें सभी समुदाय के लोगों को जाने की इजाजत है.
लोटस टेंपल का उद्घाटन 24 दिसंबर 1986 में हुआ था. आम जनता के लिए 1 जनवरी 1987 को इसे आम जनता के लिए खोला गया था.
लोटस टेंपल को ईरानी बहाई आर्किटेक्ट फरीबर्ज सहबा के आकार में डिजाइन किया था जो अब कनाडा में रहते हैं.
उस वक्त इसे बनाने में 10 मिलियन डॉलर से भी अधिक आयी थी.
इस मंदिर में नौ द्वार और नौ कोने हैं. मंदिर चारों ओर से नौ बड़े तलाबों से घिरा है. कमल के फूल की तीन क्रम में 9-9 कर कुल 27 पखुंडियां हैं.