क्या आप जानते हैं भारत में पहली बार सिलाई मशीन का अविष्कार कब हुआ

घर में मौजूद सिलाई मशीन को लेकर क्या आपने कभी सोचा है कि पहले ये किस तरह की दिखती थी

आप जानते हैं सबसे पहले मशीन किसने बनाई थी 

दुनिया में सबसे पहली सिलाई मशीन साल 1755 में ए वाईसेन्थाल ने बनाई थी. इस मशीन की सुई दोनों तरफ से नुकीली थी और बीच में एक सुराख था

35 साल बाद यानी 1790 में थामस सेंट ने दुनिया की दूसरी मशीन बनाई लेकिन इस मशीन में पहले वाली मशीन के मुकाबले काफी कुछ अलग था

इस मशीन की सुई की बात करें तो इसमें मोची के सुए की तरह कपड़े में सुराख किया करता था. इसके बाद एक चरखी जिस पर धागा लिपटा होता है, धागे को सुराख के ऊपर ले जाती थी इसके बाद एक नकुली सुई इस धागे को फंदा बनाकर लीचे ले जाती और वहां फंसा दिया करती थी

सिलाई मशीन का वास्तविक अविष्कारक सेंट एंटनी के रहने वाली एक निर्धन दर्जी बार्थलेमी थिमानियर को माना जाता है. उन्होंने 1830 में लकड़ी से यह मशीन बनाई थी लेकिन जहां यह मशीनें बनती थीं

भारत में सिलाई मशीन की बात करें तो 19वीं शताब्दी के आखिर में हिंदुस्तान में मशीन आ पाई थी

भारत में 1935 में कोलकाता (उस वक्त कलकत्ता) के कारखाने में ऊषा नाम की पहली सिलाई मशीन बनी. बड़ी बात थी कि मशीन के सभी पुर्ज़े हिंदुस्तान में ही बने थे