कसूरी मेथी पूरे खाने का जायका ही बदल देती है. स्वाद ऐसा कि जुबां से उतरे ही न. लेकिन ये जितनी खुशबूदार है, हेल्थ के लिए उतनी ही फायदेमंद भी है
इस मेथी की पत्तियों को सुखाकर बनाया जाता है लेकिन इसका भी एक अपना इतिहास है. कसूरी मेथी को भारत में बड़े शौक से खाया जाता है, उसका इतिहास हमारे ही पड़ोसी देश से जुड़ा हुआ है
आजादी से पहले कसूरी मेथी की खेती बड़े पैमाने पर भारत में की जाती थी. भारत से ही इस मेथी की निर्यात पूरी दुनिया में किया जाता था.
आज भी भारत में सबसे ज्यादा मेथी की खेती राजस्थान के नागौर जिले में होती है. वहीं, पंजाब में बड़े स्तर पर इसकी खेती की जाती है
शेफ कुनाल कपूर ने बताया कि जिस कसूरी मेथी से पुरी सब्जी का स्वाद बदल जाता है, इसका इतिहास किसी और से नहीं बल्कि पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है
भारत में कहां से आयी कसूरी मेथी
कसूरी मेथी का नाम पाकिस्तान के कसूर से आया है. कसूर में इसकी खेती होने के कारण ही कसूरी मेथी का नाम फेमस हो गया.
मूल रूप से कसूर में मेथी की खेती की जाती है और यहां इसकी पत्तियाां सुखाकर कसूरी मेथी बनाई जाती है.
भारत-पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे के बाद कसूर इलाका पड़ोसी मुल्क में चला गया था, जिसके बाद भारत में तो सिर्फ कसूरी मेथी का ब्रांड ही भारत में रह गया