घर पर परिवार के सभी लोगों को एक साथ मिलकर गोवर्धन पूजा करनी चाहिए। अलग-अलग पूजा करना अशुभ माना जाता है।
पूजा के दौरान भूलकर भी काले रंग के कपड़े न पहनें। इस दिन हल्के पीले या नारंगी रंग के कपड़े पहनना उत्तम माना गया है।
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का आयोजन बंद कमरे में न करें। पूजा खुली जगह जैसे घर के आंगन, बालकनी या छत में ही करें।
गायों की पूजा करते हुए भगवान कृष्ण की पूजा करना न भूलें। गायों को भोग लगाना ना भूलें।
इस दिन भूलकर भी गाय, पौधों, जीव-जंतु आदि को न सताएं और न ही कोई नुकसान पहुंचाएं।
इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें। ऐसा करने से जीवन में अशांति फैल सकती है।
गोवर्धन की परिक्रमा हमेशा नंगे पैर करनी चाहिए। इसके अलावा अगर आपने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा शुरू करने के बाद कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। गोवर्धन की परिक्रमा बीच में छोड़ना अशुभ माना जाता है।