देश में इस जगह महिलाओं का स्तन ढ़का देख फाड़ देते थे कपड़े

आज हम आपको देश के ऐसे कानून के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी आपत्तिजनक था

भारत के इतिहास में एक दौर ऐसा भी था जब महिलाओं को अपने स्तन ढकने की भी मनाही थी

19वीं सदी में दलित महिलाओं की छाती पर कपड़ा या ब्लाउज दिखते ही चाकू से खींचकर फाड़ दिया जाता था

केरल के त्रावणकोर में निचली जाति की महिलाओं को छाती ढंकने के लिए टैक्स देना होता था

महिलाओं के सामने अगर कोई अफसर, ब्राह्मण आता था, तो उसे अपने छाती से वस्त्र हटाने होते थे, इतना ही नहीं छाती ढकने के एवज में टैक्स देना होता था

1729, मद्रास प्रेसीडेंसी में त्रावणकोर साम्राज्य की स्थापना हुई जिसके राजा मार्थंड वर्मा ने दलित महिलाओं के स्तन ढ़कने पर टैक्स लगाने का नियम बनाया था

जिसका ब्रेस्ट छोटा उसे कम टैक्स और जिसका बड़ा उसे ज्यादा टैक्स। टैक्स का नाम रखा था मूलाक्रम

125 साल तक यह कुप्रथा चलती रही

नांगेली नाम की एक निचली जाति की महिला ने इस अमानवीय टैक्स का जब विरोध किया था, तो सजा के तौर पर उसके स्तन काट दिए गए थे, जिससे उसकी मौत हो गई थी

अंग्रेज गवर्नर चार्ल्स ट्रेवेलियन ने 1859 में इसे खत्म करने का आदेश दिया था।

1865 के आदेश में सभी जाति की महिलाओं को ऊपरी वस्त्र पहनने की आजादी मिली थी