ट्रैफिक में हमेशा शीशा चढ़ाकर रखें, वरना कार में बैठे-बैठे आ जाएगा हार्ट अटैक!

आज के समय में अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो गया। भागदौड़ भरी जिंदगी में कई बार पता होने के बाद भी हम गलती कर बैठते हैं। आपको बता दें कि अगर ऐसी जगह रहते हैं, जहां ट्रैफिक का अधिक शोर होता है या सफर के दौरान ट्रैफिक के शोर में अधिक समय बिताते हैं, तो सावधान हो जाएं।

आपको बता दें कि अगर आप कार में अधिक सफर करते हैं और अक्सर खिड़की खुली रखते हैं, तो आपको हार्ट अटैक सहित कई स्वास्थ्य परेशनियां का जोखिम बढ़ सकता है।

दिल के रोगों का खतरा :  शोधकर्ताओं ने पाया है कि ट्रैफिक का बढ़ता शोर हृदय संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकता है जिसमें दिल का दौरा भी शामिल है।

स्ट्रोक और डायबिटीज का भी जोखिम : शोधकर्ताओं के अध्ययन से पता चला है कि ट्रैफिक के शोर की वजह से न केवल हृदय संबंधी बीमारियां बल्कि स्ट्रोक और डायबिटीज का भी खतरा होता है।

जितना ज्यादा शोर, उतना ज्यादा खतरा : इतना ही नहीं सड़क पर होने वाले शोर में हर 10 डेसिबल की वृद्धि के साथ, हृदय रोग का खतरा 3.2 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। यह अध्ययन सर्कुलेशन रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

रात का शोर सबसे खतरनाक : वैज्ञानिकों का मानना है कि रात में ट्रैफिक का शोर नींद में खलल डालता है और रक्त वाहिकाओं में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को बढ़ा देता है, जिससे सूजन और धमनियों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

ट्रैफिक का शोर कम करने के उपाय :  घनी आबादी वाले इलाकों में सड़कों के किनारे नॉइज़ बैरियर लगाने से शोर के लेवल को 10 डेसिबल तक कम किया जा सकता है। साथ ही, सड़क निर्माण में कम आवाज पैदा करने वाली डामर का इस्तेमाल करने से भी शोर को 3-6 डेसिबल तक कम किया जा सकता है।