बफेलो नदी इन दिनों भारतीय पॉलिटिक्स में चर्चाओं में है, जिसे साल 1960 में मृत घोषित कर दिया गया था
1967 में बफेलो नदी की हालत इतनी खराब हो गई थी कि सरकार को उसे मृत घोषित करना पड़ा था.
उस समय तक बफेलो नदी की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी. जिसके चलते उसमें घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो गई थी.
ऑक्सीजन कम होने की वजह से इस नदी में काफी जीवों की मौत हो गई थी. इस नदी के हालात दिन व दिन खराब हो रहे थे.
जिसे देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त आयोग ने बफेलो नदी को चिंता का क्षेत्र घोषित कर दिया था.
नदी की हालत खराब होते देख कई लोग इसे लेकर परेशान हो गए थे और किसी भी तरह इसे वापस उसी तरह साफ-सुथरी देखना चाह रहे थे.
साल 1980 के दशक में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न गुटों ने मिलकर नदी को साफ करके उससे फिर से जीवित कर दिया. अब ये नदी फिर साफ सुथरी नजर आती है.